Formula Sheet
Learn about कारक (case) and विभक्ति (declension) in Hindi grammar to understand the role of nouns in sentences.
कारक और विभक्ति – Formula & Equation Sheet
Essential formulas and equations from Vyakaranavithi, tailored for Class X in Sanskrit.
This one-pager compiles key formulas and equations from the 'कारक और विभक्ति' chapter of Vyakaranavithi. Ideal for exam prep, quick reference, and solving time-bound problems accurately.
Key concepts & formulas
Essential formulas, key terms, and important concepts for quick reference and revision.
Formulas
कारक = जिसके द्वारा क्रिया की सिद्धि हो
कारक वाक्य में क्रिया के साथ संबंध रखने वाले शब्द होते हैं। उदाहरण: 'रामः फलं खादति' में 'रामः' कर्ता कारक है।
कर्ता कारक = प्रथमा विभक्ति
क्रिया को करने वाले को कर्ता कारक कहते हैं और इसमें प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'बालकः पठति'।
कर्म कारक = द्वितीया विभक्ति
क्रिया के फल का भोग करने वाले को कर्म कारक कहते हैं और इसमें द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'फलं खादति'।
करण कारक = तृतीया विभक्ति
क्रिया के साधन को करण कारक कहते हैं और इसमें तृतीया विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'लेखनीया लिखति'।
सम्प्रदान कारक = चतुर्थी विभक्ति
जिसके लिए कुछ दिया जाए या किया जाए, उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं और इसमें चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'गुरवे नमः'।
अपादान कारक = पञ्चमी विभक्ति
जिससे कोई वस्तु अलग होती है, उसे अपादान कारक कहते हैं और इसमें पञ्चमी विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'वृक्षात् पत्रं पतति'।
अधिकरण कारक = सप्तमी विभक्ति
क्रिया का आधार अधिकरण कारक होता है और इसमें सप्तमी विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'गृहे वसति'।
सम्बन्ध कारक = षष्ठी विभक्ति
दो वस्तुओं के बीच संबंध दर्शाने के लिए षष्ठी विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'रामस्य पुस्तकम्'।
सम्बोधन = हे, अरे आदि
किसी को संबोधित करने के लिए सम्बोधन का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'हे राम!'।
विभक्ति = शब्दों के अंत में लगने वाले प्रत्यय
विभक्ति शब्दों के अंत में लगने वाले प्रत्यय होते हैं जो उनका वाक्य में संबंध दर्शाते हैं। उदाहरण: 'बालकः', 'बालकम्'।
Equations
कर्ता + प्रथमा विभक्ति = रामः पठति
कर्ता कारक में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'रामः पठति' में 'रामः' कर्ता है।
कर्म + द्वितीया विभक्ति = फलं खादति
कर्म कारक में द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'फलं खादति' में 'फलं' कर्म है।
करण + तृतीया विभक्ति = लेखनीया लिखति
करण कारक में तृतीया विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'लेखनीया लिखति' में 'लेखनीया' करण है।
सम्प्रदान + चतुर्थी विभक्ति = गुरवे नमः
सम्प्रदान कारक में चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'गुरवे नमः' में 'गुरवे' सम्प्रदान है।
अपादान + पञ्चमी विभक्ति = वृक्षात् पत्रं पतति
अपादान कारक में पञ्चमी विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'वृक्षात् पत्रं पतति' में 'वृक्षात्' अपादान है।
अधिकरण + सप्तमी विभक्ति = गृहे वसति
अधिकरण कारक में सप्तमी विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'गृहे वसति' में 'गृहे' अधिकरण है।
सम्बन्ध + षष्ठी विभक्ति = रामस्य पुस्तकम्
सम्बन्ध कारक में षष्ठी विभक्ति का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'रामस्य पुस्तकम्' में 'रामस्य' सम्बन्ध है।
सम्बोधन + हे = हे राम!
सम्बोधन में 'हे' आदि शब्दों का प्रयोग होता है। उदाहरण: 'हे राम!' में 'हे' सम्बोधन है।
विभक्ति + प्रत्यय = बालकः, बालकम्
विभक्ति शब्दों के अंत में लगने वाले प्रत्यय होते हैं। उदाहरण: 'बालकः', 'बालकम्' में 'ः' और 'म्' विभक्ति हैं।
कर्ता + कर्म + क्रिया = रामः फलं खादति
वाक्य में कर्ता, कर्म और क्रिया का सही क्रम। उदाहरण: 'रामः फलं खादति' में 'रामः' कर्ता, 'फलं' कर्म और 'खादति' क्रिया है।
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