Edzy Logo
Learn
Duel
Edzy Pro

Loading Edzy magic ...

Class X

Class X - English
First Flight (22 Chapters)|
Words and Expressions - II (9 Chapters)|
Foot Prints Without feet (9 Chapters)
Class X - Health and Physical Education
Health and Physical Education (13 Chapters)
Class X - Hindi
Kshitij - II (13 Chapters)|
Sparsh (14 Chapters)|
Sanchayan - II (3 Chapters)|
Kritika (3 Chapters)
Class X - Mathematics
Mathematics (14 Chapters)
Class X - Sanskrit
Vyakaranavithi (14 Chapters)|
Shemushi - II (12 Chapters)|
Abhyaswaan Bhav - II (14 Chapters)
Class X - Science
Science (13 Chapters)
Class X - Social Science
Understanding Economic Development (5 Chapters)|
Contemporary India (7 Chapters)|
India and the Contemporary World - II (5 Chapters)|
Democratic Politics (5 Chapters)
Class X - Urdu
Nawa-e-urdu (11 Chapters)
Edzy Logo

Edzy: Gamified Learning for CBSE & NCERT Students

At Edzy, we make online learning effortless and fun, aligning with the CBSE & NCERT curriculum across all classes, including Class 10. Edzy transforms difficult concepts into engaging, gamified, bite-sized lessons designed for deep understanding and long-term retention.

Gamified Learning Resources
About EdzyContact UsCBSE CoursesClass 10 Gamified Lessons
Parents & Creators
Search EdzyAcademic ReportCreator
Policies
Terms and ConditionsRefund PolicyPrivacy PolicyCookie Policy
Social
EmailWhatsAppX (Twitter)LinkedInFacebookInstagramYouTube
Learn
Class X
Hindi
Kshitij - II

देव

देव

देव

अध्याय 'देव' में कवि सुमित्रानंदन पंत द्वारा प्रकृति और ईश्वर के बीच के संबंध को काव्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है।

Download NCERT Chapter PDF for देव – Latest Edition

Access Free NCERT PDFs & Study Material on Edzy – Official, Anytime, Anywhere

Loading Rive Animation

Ready to Duel?

Access NCERT content for free. No hidden charges—just pure learning.

👤 Your Learning, Your Way

Edzy learns what you need. Get content that fits your speed and goals.

Edzy mobile app

Class X Hindi FAQs: देव Important Questions & Answers

A comprehensive list of 20+ exam-relevant FAQs from देव (Kshitij - II) to help you prepare for Class X exams.

कवि देव की रचनाएं भक्ति और श्रृंगार रस से परिपूर्ण हैं। उनकी कविताओं में दैवीय प्रेम और मानवीय भावनाओं का सुंदर समन्वय देखने को मिलता है। उन्होंने ब्रजभाषा का प्रयोग करके अपनी कविताओं को सरल और मधुर बनाया है।

देव के काव्य में प्रकृति का सजीव और मनोहर चित्रण हुआ है। उन्होंने प्रकृति को देवी के रूप में देखा है और उसके विभिन्न रूपों का वर्णन किया है। यह चित्रण उनकी भक्ति भावना और कल्पना शक्ति को दर्शाता है।

देव की कविताओं में भक्ति भावना गहरी और व्यक्तिगत अनुभूति के रूप में व्यक्त हुई है। उन्होंने ईश्वर को प्रेमी के रूप में देखा और उनके प्रति अपनी भक्ति को काव्यात्मक अभिव्यक्ति दी। यह भावना उनकी रचनाओं को आध्यात्मिक गहराई प्रदान करती है।

देव के काव्य में श्रृंगार रस का प्रयोग दैवीय और मानवीय प्रेम को व्यक्त करने के लिए किया गया है। उन्होंने श्रृंगार के माध्यम से भक्ति और प्रेम के भावों को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है। यह उनकी कविताओं को आकर्षक और भावपूर्ण बनाता है।

देव ने ब्रजभाषा का प्रयोग करके अपनी कविताओं को सरल और मधुर बनाया है। उनकी भाषा में लालित्य और संगीतात्मकता है जो पाठकों को आकर्षित करती है। उन्होंने अलंकारों का सहज प्रयोग करके अपनी कविताओं को सुंदर बनाया है।

देव के काव्य में अलंकारों का प्रयोग सहज और प्रभावी ढंग से हुआ है। उन्होंने उपमा, रूपक, और अनुप्रास जैसे अलंकारों का उपयोग करके अपनी कविताओं को सुंदर और प्रभावशाली बनाया है। यह अलंकार उनकी कविताओं की सौंदर्यात्मक अपील को बढ़ाते हैं।

देव की कविताओं में नायक और नायिका का चरित्र चित्रण भक्त और भगवान के रूप में हुआ है। नायिका भगवान की भक्त है और नायक भगवान स्वयं हैं। यह चित्रण उनकी भक्ति कविताओं को विशेष बनाता है।

देव के काव्य में समाज का चित्रण भक्ति और प्रेम के माध्यम से हुआ है। उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों को भगवान की भक्ति में लीन दिखाया है। यह चित्रण उनकी कविताओं को सामाजिक सरोकारों से जोड़ता है।

देव की कविताओं में धर्म और दर्शन का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने भक्ति के माध्यम से धार्मिक और दार्शनिक विचारों को व्यक्त किया है। यह उनकी कविताओं को गहराई और विचारशीलता प्रदान करता है।

देव के काव्य में प्रेम की अवधारणा दैवीय और मानवीय दोनों रूपों में प्रस्तुत हुई है। उन्होंने भगवान और भक्त के बीच के प्रेम को काव्यात्मक अभिव्यक्ति दी है। यह प्रेम उनकी कविताओं का केंद्रीय विषय है।

देव की कविताओं में भगवान कृष्ण का चित्रण प्रेमी और दैवीय स्वरूप में हुआ है। उन्होंने कृष्ण की लीलाओं और उनके प्रति भक्तों के प्रेम को सुंदर ढंग से वर्णित किया है। यह चित्रण उनकी कविताओं को भक्तिमय बनाता है।

देव के काव्य में संगीत का महत्वपूर्ण स्थान है। उनकी कविताओं में संगीतात्मकता और लय है जो उन्हें मधुर बनाती है। यह संगीत उनकी भक्ति और प्रेम की अभिव्यक्ति को और भी सुंदर बनाता है।

देव की कविताओं में प्रयुक्त छंदों में लय और संगीतात्मकता है। उन्होंने दोहा, चौपाई, और सवैया जैसे छंदों का प्रयोग किया है जो उनकी कविताओं को सुंदर बनाते हैं। यह छंद उनकी भाषा शैली को और भी आकर्षक बनाते हैं।

देव के काव्य में मानवीय भावनाओं का सूक्ष्म और संवेदनशील चित्रण मिलता है। उन्होंने प्रेम, विरह, और भक्ति जैसी भावनाओं को गहराई से व्यक्त किया है। यह चित्रण उनकी कविताओं को मनुष्य के हृदय के करीब लाता है।

देव की कविताओं में प्रकृति और मनुष्य के संबंध को सहज और सुंदर ढंग से दर्शाया गया है। उन्होंने प्रकृति को मनुष्य की भावनाओं का साथी बताया है। यह संबंध उनकी कविताओं को प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर बनाता है।

देव के काव्य में विरह की भावना गहरी और मार्मिक ढंग से व्यक्त हुई है। उन्होंने भक्त की भगवान से विरह को सुंदर काव्यात्मक अभिव्यक्ति दी है। यह विरह उनकी कविताओं को भावुक और हृदयस्पर्शी बनाता है।

देव की कविताओं में आध्यात्मिकता का केंद्रीय स्थान है। उन्होंने भक्ति और प्रेम के माध्यम से आध्यात्मिक विचारों को व्यक्त किया है। यह आध्यात्मिकता उनकी कविताओं को गहराई और विचारशीलता प्रदान करती है।

देव के काव्य में प्रयुक्त प्रतीकों का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने प्रकृति और दैवीय प्रतीकों का उपयोग करके अपनी कविताओं को गहराई प्रदान की है। यह प्रतीक उनकी भक्ति और प्रेम की अभिव्यक्ति को और भी सुंदर बनाते हैं।

देव की कविताओं में नारी का चित्रण भक्त और प्रेमिका के रूप में हुआ है। उन्होंने नारी की भावनाओं और उसके प्रेम को सुंदर ढंग से वर्णित किया है। यह चित्रण उनकी कविताओं को संवेदनशील और मार्मिक बनाता है।

देव के काव्य में भक्ति और श्रृंगार का सुंदर समन्वय हुआ है। उन्होंने भक्ति को प्रेम के रूप में और प्रेम को भक्ति के रूप में प्रस्तुत किया है। यह समन्वय उनकी कविताओं को अनूठा और आकर्षक बनाता है।

देव की कविताओं में प्रयुक्त रसों में श्रृंगार और भक्ति रस प्रमुख हैं। उन्होंने इन रसों का प्रयोग करके अपनी कविताओं को भावपूर्ण और मनोहर बनाया है। यह रस उनकी कविताओं की भावनात्मक अपील को बढ़ाते हैं।

देव के काव्य में दर्शन और काव्य का गहरा संबंध है। उन्होंने दार्शनिक विचारों को काव्यात्मक अभिव्यक्ति दी है। यह संबंध उनकी कविताओं को विचारशील और गंभीर बनाता है।

देव की कविताओं में प्रयुक्त भाषा सरल, मधुर, और संगीतात्मक है। उन्होंने ब्रजभाषा का प्रयोग करके अपनी कविताओं को सहज और आकर्षक बनाया है। यह भाषा उनकी कविताओं की सौंदर्यात्मक अपील को बढ़ाती है।

देव के काव्य में प्रेम और भक्ति का अटूट संबंध है। उन्होंने प्रेम को भक्ति का और भक्ति को प्रेम का रूप बताया है। यह संबंध उनकी कविताओं को भावनात्मक और आध्यात्मिक गहराई प्रदान करता है।

Chapters related to "देव"

सूरदास

सूरदास

सूरदास अध्याय में भक्ति कवि सूरदास के जीवन और उनकी कृष्ण भक्ति पर आधारित कविताओं का अध्ययन किया जाता है।

तुलसीदास

तुलसीदास

तुलसीदास अध्याय में हिंदी साहित्य के महान कवि तुलसीदास जी के जीवन और उनकी रचनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई है।

जयशंकर प्रसाद

जयशंकर प्रसाद

जयशंकर प्रसाद एक प्रसिद्ध हिंदी कवि, नाटककार और उपन्यासकार हैं, जिनकी रचनाएँ हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला'

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला'

This chapter explores the life and works of the renowned Hindi poet Suryakant Tripathi 'Nirala', highlighting his contributions to modern Hindi literature.

देव Summary, Important Questions & Solutions | All Subjects

Question Bank

Question Bank

Worksheet

Worksheet

Revision Guide

Revision Guide