Worksheet
This chapter explores the theme of empathy and the diminishing sense of shared sorrow in today's world, as reflected in the poignant poetry of Nida Fazli.
निदा फाजली – अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले - Practice Worksheet
Strengthen your foundation with key concepts and basic applications.
This worksheet covers essential long-answer questions to help you build confidence in 'निदा फाजली – अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले' from 'Sparsh' for 'Class X' (Hindi).
Basic comprehension exercises
Strengthen your understanding with fundamental questions about the chapter.
Questions
निदा फाजली के अनुसार, आज के समय में दूसरों के दुख से दुखी होने वाले लोग क्यों कम होते जा रहे हैं?
पाठ में निदा फाजली द्वारा व्यक्त की गई भावनाओं और उनके द्वारा दिए गए उदाहरणों पर ध्यान दें।
Solution
निदा फाजली के अनुसार, आज के समय में मनुष्य की स्वार्थपरता और भौतिकवादी सोच के कारण दूसरों के दुख से दुखी होने वाले लोग कम होते जा रहे हैं। वे इस बात पर जोर देते हैं कि पहले लोगों में सहानुभूति और परोपकार की भावना अधिक थी, लेकिन आजकल लोग केवल अपने बारे में सोचते हैं। इसका उदाहरण हम अपने आस-पास के समाज में देख सकते हैं, जहाँ लोग दूसरों की मदद करने के बजाय उनसे दूर भागते हैं। इस प्रवृत्ति के पीछे समय की कमी, व्यक्तिवादिता और सामाजिक मूल्यों का ह्रास जैसे कारण हैं।
पाठ में वर्णित 'सुलैमान' की कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
सुलैमान की कहानी में उनके व्यवहार और दृष्टिकोण पर विशेष ध्यान दें।
Solution
पाठ में वर्णित 'सुलैमान' की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चा राजा वही होता है जो न केवल मनुष्यों बल्कि पशु-पक्षियों की भी भाषा समझता है और उनके दुखों को दूर करने का प्रयास करता है। सुलैमान की कहानी हमें सिखाती है कि सहानुभूति और करुणा का दायरा सभी जीवों तक होना चाहिए। इस कहानी के माध्यम से लेखक यह संदेश देता है कि आज के समय में भी हमें सुलैमान जैसी सोच अपनानी चाहिए और सभी प्राणियों के प्रति दया और सम्मान की भावना रखनी चाहिए।
लेखक के अनुसार, प्रकृति और मनुष्य के बीच बढ़ते असंतुलन का क्या कारण है?
पाठ में प्रकृति और मनुष्य के संबंधों पर लेखक के विचारों को ध्यान से पढ़ें।
Solution
लेखक के अनुसार, प्रकृति और मनुष्य के बीच बढ़ते असंतुलन का मुख्य कारण मनुष्य की लालच और स्वार्थपरता है। मनुष्य ने अपनी सुविधा के लिए प्रकृति का अंधाधुंध दोहन किया है, जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ी हैं। लेखक ने इस बात पर जोर दिया है कि पहले मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य था, लेकिन आधुनिकता और विकास के नाम पर मनुष्य ने इस सामंजस्य को तोड़ दिया है। इसका उदाहरण हम शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण हो रहे वनों के कटाव और प्रदूषण में देख सकते हैं।
पाठ में वर्णित 'उड़ग' की कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उड़ग की कहानी में उसके व्यवहार और उसके प्रति लोगों की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें।
Solution
पाठ में वर्णित 'उड़ग' की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सभी प्राणियों को समान सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए। उड़ग, जो एक कुत्ता था, उसने अपने व्यवहार से यह सिद्ध किया कि प्रेम और सम्मान की भाषा सभी समझते हैं। इस कहानी के माध्यम से लेखक यह संदेश देता है कि मनुष्य को अन्य प्राणियों के प्रति भी दया और सम्मान की भावना रखनी चाहिए। आज के समय में जहाँ पशु-पक्षियों के प्रति क्रूरता बढ़ रही है, वहाँ यह कहानी हमें सच्ची मानवता की याद दिलाती है।
लेखक ने अपनी माँ के व्यवहार से क्या सीखा?
लेखक की माँ द्वारा चींटियों और पक्षियों के प्रति किए गए व्यवहार पर ध्यान दें।
Solution
लेखक ने अपनी माँ के व्यवहार से यह सीखा कि सभी प्राणियों के प्रति प्रेम और दया की भावना रखनी चाहिए। उनकी माँ ने चींटियों और पक्षियों के प्रति जो सहानुभूति और देखभाल दिखाई, वह लेखक के लिए एक बड़ी शिक्षा थी। इससे लेखक ने यह समझा कि छोटे-बड़े सभी प्राणियों का जीवन महत्वपूर्ण है और हमें उनके प्रति संवेदनशील होना चाहिए। आज के समय में जहाँ लोगों में संवेदनहीनता बढ़ रही है, वहाँ लेखक की माँ का यह व्यवहार एक मिसाल है।
पाठ में वर्णित 'समुद्र के क्रोध' की घटना से हमें क्या सीख मिलती है?
समुद्र के क्रोध की घटना में प्रकृति और मनुष्य के संबंधों पर ध्यान दें।
Solution
पाठ में वर्णित 'समुद्र के क्रोध' की घटना से हमें यह सीख मिलती है कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का परिणाम विनाशकारी हो सकता है। लेखक ने इस घटना के माध्यम से यह दिखाया है कि जब मनुष्य प्रकृति का अत्यधिक दोहन करता है, तो प्रकृति अपना प्रतिकार करती है। इस घटना से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए। आज के समय में जहाँ प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ रही हैं, वहाँ यह घटना हमें प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाती है।
लेखक के अनुसार, आज के समय में लोगों में संवेदनहीनता क्यों बढ़ रही है?
पाठ में लेखक द्वारा व्यक्त किए गए समाज के प्रति विचारों पर ध्यान दें।
Solution
लेखक के अनुसार, आज के समय में लोगों में संवेदनहीनता का मुख्य कारण भौतिकवादी सोच और स्वार्थपरता है। लोग केवल अपने बारे में सोचते हैं और दूसरों के दुखों को नजरअंदाज कर देते हैं। इसके अलावा, आधुनिक जीवनशैली और तनाव के कारण भी लोगों में संवेदनहीनता बढ़ रही है। लेखक ने इस बात पर जोर दिया है कि पहले लोगों में सामाजिकता और परोपकार की भावना अधिक थी, लेकिन आजकल लोग एक-दूसरे से दूर होते जा रहे हैं। इसका उदाहरण हम अपने आस-पास के समाज में देख सकते हैं, जहाँ लोग दूसरों की मदद करने के बजाय उनसे दूर भागते हैं।
पाठ में वर्णित 'चींटियों और पक्षियों' की कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
चींटियों और पक्षियों के प्रति लेखक की माँ के व्यवहार पर विशेष ध्यान दें।
Solution
पाठ में वर्णित 'चींटियों और पक्षियों' की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सभी प्राणियों का जीवन महत्वपूर्ण है और हमें उनके प्रति दया और सम्मान की भावना रखनी चाहिए। लेखक की माँ ने चींटियों और पक्षियों के प्रति जो सहानुभूति और देखभाल दिखाई, वह हमारे लिए एक बड़ी शिक्षा है। इस कहानी के माध्यम से लेखक यह संदेश देता है कि छोटे-बड़े सभी प्राणियों के प्रति हमारा व्यवहार संवेदनशील होना चाहिए। आज के समय में जहाँ पशु-पक्षियों के प्रति क्रूरता बढ़ रही है, वहाँ यह कहानी हमें सच्ची मानवता की याद दिलाती है।
लेखक ने 'धरती' को किस रूप में देखा है और क्यों?
पाठ में धरती के प्रति लेखक के विचारों और उनके द्वारा दिए गए उदाहरणों पर ध्यान दें।
Solution
लेखक ने 'धरती' को एक माँ के रूप में देखा है, जो सभी प्राणियों को पालती-पोसती है। उनका मानना है कि धरती पर रहने वाले सभी प्राणियों का अधिकार है और हमें उनके प्रति सम्मान की भावना रखनी चाहिए। लेखक ने इस बात पर जोर दिया है कि मनुष्य ने अपनी लालच और स्वार्थ के कारण धरती का अत्यधिक दोहन किया है, जिसके कारण प्रकृति और मनुष्य के बीच असंतुलन पैदा हो गया है। इसका उदाहरण हम पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन में देख सकते हैं। लेखक का यह दृष्टिकोण हमें धरती के प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है।
पाठ में वर्णित 'सुलैमान और चींटी' की कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
सुलैमान और चींटी की कहानी में सुलैमान के व्यवहार और चींटी के प्रति उनकी संवेदनशीलता पर ध्यान दें।
Solution
पाठ में वर्णित 'सुलैमान और चींटी' की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सभी प्राणियों, चाहे वे कितने भी छोटे क्यों न हों, का सम्मान किया जाना चाहिए। सुलैमान, जो एक महान राजा थे, ने एक छोटी सी चींटी की बात सुनी और उसकी रक्षा की। इस कहानी के माध्यम से लेखक यह संदेश देता है कि हमें भी सभी प्राणियों के प्रति दया और सम्मान की भावना रखनी चाहिए। आज के समय में जहाँ लोग छोटे प्राणियों को नजरअंदाज कर देते हैं, वहाँ यह कहानी हमें सच्ची मानवता की याद दिलाती है।
निदा फाजली – अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले - Mastery Worksheet
Advance your understanding through integrative and tricky questions.
This worksheet challenges you with deeper, multi-concept long-answer questions from निदा फाजली – अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले to prepare for higher-weightage questions in Class X.
Intermediate analysis exercises
Deepen your understanding with analytical questions about themes and characters.
Questions
निदा फाजली की कविता में प्रकृति और मनुष्य के बीच के संबंध को कैसे दर्शाया गया है? उदाहरण सहित समझाइए।
प्रकृति और मनुष्य के बीच के संबंध पर ध्यान दें और कविता में दिए गए उदाहरणों को खोजें।
Solution
निदा फाजली की कविता में प्रकृति और मनुष्य के बीच के संबंध को गहराई से दर्शाया गया है। वह प्रकृति को मनुष्य के साथ सहअस्तित्व में देखती हैं। उदाहरण के लिए, कविता में पेड़ों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई गई है, जहाँ पेड़ों को दुखी होने वाले के रूप में चित्रित किया गया है।
कविता में 'अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले' पंक्ति का क्या अर्थ है? इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
संवेदनशीलता और समाजिक एकजुटता के संदर्भ में सोचें।
Solution
इस पंक्ति का अर्थ है कि आज के समय में लोग दूसरों के दुख से दुखी होने की भावना खोते जा रहे हैं। यह समाज में संवेदनशीलता की कमी को दर्शाता है, जिसका प्रभाव समाज के एकजुटता और सहानुभूति पर पड़ता है।
निदा फाजली की कविता में प्रयुक्त प्रतीकों और उनके अर्थ को समझाइए।
प्रतीकों और उनके संभावित अर्थों की सूची बनाएं।
Solution
निदा फाजली की कविता में विभिन्न प्रतीकों का प्रयोग किया गया है, जैसे पेड़, पक्षी, और नदी। ये प्रतीक प्रकृति और मनुष्य के बीच के संबंध को दर्शाते हैं। पेड़ संवेदनशीलता और धैर्य का प्रतीक हैं, जबकि पक्षी स्वतंत्रता और आशा का।
कविता में मनुष्य और प्रकृति के बीच के द्वंद्व को कैसे दर्शाया गया है?
मनुष्य की गतिविधियों और प्रकृति पर उनके प्रभाव पर विचार करें।
Solution
कविता में मनुष्य और प्रकृति के बीच के द्वंद्व को मनुष्य की स्वार्थपरता और प्रकृति के प्रति उदासीनता के माध्यम से दर्शाया गया है। मनुष्य प्रकृति का दोहन करता है, जबकि प्रकृति मनुष्य को जीवन देती है।
निदा फाजली की कविता का मुख्य संदेश क्या है? इसे अपने शब्दों में समझाइए।
कविता के मुख्य विषय और उसके निहितार्थ पर ध्यान दें।
Solution
निदा फाजली की कविता का मुख्य संदेश है कि मनुष्य को प्रकृति और दूसरों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। हमें दूसरों के दुख को समझना और उससे प्रभावित होना चाहिए, न कि उदासीन रहना।
कविता में प्रयुक्त भाषा शैली और उसका प्रभाव क्या है?
भाषा की सरलता और उसके भावनात्मक प्रभाव पर विचार करें।
Solution
निदा फाजली ने सरल और मार्मिक भाषा का प्रयोग किया है, जो पाठक के हृदय को छू लेती है। उनकी भाषा शैली कविता के संदेश को और अधिक प्रभावी ढंग से पहुँचाती है।
कविता में 'दुख' की अवधारणा को कैसे प्रस्तुत किया गया है?
दुख के विभिन्न पहलुओं और उसके प्रभावों पर विचार करें।
Solution
कविता में 'दुख' को एक सार्वभौमिक अनुभव के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो न केवल मनुष्य बल्कि प्रकृति को भी प्रभावित करता है। यह दुख की गहरी समझ और उसके प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है।
निदा फाजली की कविता आधुनिक समाज के लिए क्यों प्रासंगिक है?
आधुनिक समाज की चुनौतियों और कविता के संदेश के बीच संबंध स्थापित करें।
Solution
निदा फाजली की कविता आधुनिक समाज के लिए प्रासंगिक है क्योंकि यह संवेदनशीलता, प्रकृति संरक्षण, और मानवीय मूल्यों की महत्ता को उजागर करती है, जो आज के समय में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
कविता में प्रकृति के प्रति मनुष्य की जिम्मेदारी को कैसे दर्शाया गया है?
मनुष्य और प्रकृति के बीच के संबंध और जिम्मेदारियों पर विचार करें।
Solution
कविता में प्रकृति के प्रति मनुष्य की जिम्मेदारी को उसके संरक्षण और सम्मान के माध्यम से दर्शाया गया है। यह दिखाता है कि मनुष्य को प्रकृति का दोहन नहीं बल्कि उसकी देखभाल करनी चाहिए।
निदा फाजली की कविता में आशा और निराशा के तत्वों को कैसे प्रस्तुत किया गया है?
कविता में आशा और निराशा के स्रोतों को खोजें।
Solution
निदा फाजली की कविता में आशा और निराशा के तत्वों को प्रकृति और मनुष्य के बीच के संबंध के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। जहाँ निराशा मनुष्य की उदासीनता से उत्पन्न होती है, वहीं आशा प्रकृति की सहनशीलता और पुनर्जन्म से मिलती है।
निदा फाजली – अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले - Challenge Worksheet
Push your limits with complex, exam-level long-form questions.
The final worksheet presents challenging long-answer questions that test your depth of understanding and exam-readiness for निदा फाजली – अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले in Class X.
Advanced critical thinking
Test your mastery with complex questions that require critical analysis and reflection.
Questions
कविता में निदा फाजली ने मानवता के प्रति संवेदनशीलता की कमी को किस प्रकार उजागर किया है?
कविता में प्रकृति और मानव व्यवहार के तुलनात्मक अध्ययन पर ध्यान दें।
Solution
कवि ने समकालीन समाज में मानवीय संवेदनाओं के ह्रास को दर्शाया है, जहाँ लोग दूसरों के दुख से अनभिज्ञ होते जा रहे हैं। इसके लिए वे प्रकृति और पशु-पक्षियों के उदाहरण देते हैं, जो अभी भी संवेदनशील हैं।
निदा फाजली की कविता में प्रकृति और मानव के बीच के संबंधों को कैसे दर्शाया गया है?
कविता में प्रकृति के प्रति कवि के दृष्टिकोण को समझने का प्रयास करें।
Solution
कविता में प्रकृति को संवेदनशील और मानव को संवेदनहीन दिखाया गया है। प्रकृति अभी भी दूसरों के दुख में सहभागी होती है, जबकि मानव स्वार्थी हो गया है।
कविता के आधार पर बताइए कि आज के समाज में संवेदनशीलता की कमी के क्या कारण हो सकते हैं?
समकालीन सामाजिक परिवर्तनों और उनके प्रभाव पर विचार करें।
Solution
आधुनिकता, भौतिकवाद और स्वार्थपरता के कारण मानव संवेदनशीलता खो रहा है। लोग दूसरों के प्रति उदासीन होते जा रहे हैं, जिसका कविता में स्पष्ट उल्लेख है।
कविता में 'अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले' पंक्ति का क्या आशय है?
कवि के मनोभावों और समाज के प्रति उनकी चिंता को समझें।
Solution
इस पंक्ति का आशय है कि आज के समाज में दूसरों के दुख में सहानुभूति रखने वाले लोग कम होते जा रहे हैं। मानवता की यह दुर्दशा कवि को व्यथित करती है।
कविता में प्रयुक्त प्रतीकों और उनके महत्व की व्याख्या कीजिए।
प्रतीकों के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है, इस पर विचार करें।
Solution
कविता में प्रकृति, पशु-पक्षी आदि प्रतीकों के माध्यम से कवि ने मानवीय संवेदनाओं की कमी को दर्शाया है। ये प्रतीक संवेदनशीलता और निस्वार्थ भाव का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कविता के माध्यम से निदा फाजली ने समाज को क्या संदेश दिया है?
कविता के मूल संदेश और उसकी प्रासंगिकता पर ध्यान दें।
Solution
कवि ने समाज को यह संदेश दिया है कि मानवता और संवेदनशीलता को बनाए रखना आवश्यक है। दूसरों के दुख में सहभागी होना मानव का धर्म है।
कविता में व्यक्त दुख और पीड़ा के भाव को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।
कवि की भावनाओं और उनके अभिव्यक्ति के तरीके को समझें।
Solution
कविता में कवि ने मानव के हृदयहीन होने की पीड़ा को व्यक्त किया है। वे प्रकृति और पशु-पक्षियों के माध्यम से यह दर्शाते हैं कि संवेदनशीलता अभी भी बची हुई है, पर मानव इसे खोता जा रहा है।
कविता के आधार पर बताइए कि आधुनिक युग में मानवीय संबंधों में क्या परिवर्तन आए हैं?
समकालीन सामाजिक संरचना और उसके प्रभाव पर विचार करें।
Solution
आधुनिक युग में मानवीय संबंधों में स्वार्थ और उदासीनता बढ़ी है। लोग एक-दूसरे के प्रति संवेदनहीन होते जा रहे हैं, जिसका कविता में मार्मिक वर्णन है।
कविता में निदा फाजली ने मानव और प्रकृति के बीच के अंतर को कैसे दर्शाया है?
कविता में मानव और प्रकृति के व्यवहार की तुलना करें।
Solution
कवि ने प्रकृति को संवेदनशील और मानव को संवेदनहीन दिखाकर दोनों के बीच का अंतर स्पष्ट किया है। प्रकृति अभी भी दूसरों के दुख में सहभागी होती है, जबकि मानव नहीं।
कविता के अंत में कवि ने जो आशा व्यक्त की है, उसकी व्याख्या कीजिए।
कवि के आशावादी दृष्टिकोण और उसके कारणों को समझें।
Solution
कविता के अंत में कवि ने आशा व्यक्त की है कि मानव फिर से संवेदनशील होगा और दूसरों के दुख में सहभागी बनेगा। यह आशा प्रकृति और पशु-पक्षियों के उदाहरण से प्रेरित है।
वींद्रनाथ ठाकुर की कविता 'आत्मत्राण' में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता के महत्व को प्रेरणादायक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
This chapter explores the dynamics of sibling relationships and the influence of elder siblings through the story of two brothers, highlighting themes of responsibility, guidance, and the complexities of growing up.
इस अध्याय में सीताराम सेकसरिया द्वारा लिखी गई डायरी के एक पन्ने के माध्यम से उनके जीवन के अनुभवों और विचारों को जानने का अवसर मिलता है।
तताँरा वामीरो कथा एक प्रेम कहानी है जो निकोबार द्वीप समूह की लोककथा पर आधारित है, जो दो प्रेमियों की अमर प्रेम गाथा को दर्शाती है।
This chapter explores the artistic craftsmanship of Shailendra in the film 'Teesri Kasam', highlighting his contribution to Indian cinema and storytelling.