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वींद्रनाथ ठाकुर – आत्मत्राण

Worksheet

वींद्रनाथ ठाकुर – आत्मत्राण

Worksheet

वींद्रनाथ ठाकुर – आत्मत्राण

वींद्रनाथ ठाकुर की कविता 'आत्मत्राण' में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता के महत्व को प्रेरणादायक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

वींद्रनाथ ठाकुर – आत्मत्राण - Practice Worksheet

Strengthen your foundation with key concepts and basic applications.

This worksheet covers essential long-answer questions to help you build confidence in वींद्रनाथ ठाकुर – आत्मत्राण from Sparsh for Class X (Hindi).

Practice Worksheet

Practice Worksheet

Basic comprehension exercises

Strengthen your understanding with fundamental questions about the chapter.

Questions

1

रवींद्रनाथ ठाकुर की जीवनी और उनके साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डालिए।

Hint

रवींद्रनाथ ठाकुर के जीवन और उनके साहित्यिक योगदान के बारे में पाठ के प्रारंभिक भाग को देखें।

Solution

रवींद्रनाथ ठाकुर का जन्म 7 मई 1861 को बंगाल के एक संपन्न परिवार में हुआ था। वे नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय थे। उनकी शिक्षा घर पर ही हुई और उन्होंने स्वाध्याय से कई विषयों का ज्ञान अर्जित किया। उन्होंने लगभग एक हजार कविताएँ और दो हजार गीत लिखे हैं। उनकी रचनाओं में लोक-संस्कृति की आवाज़ मुखरित होती है। उन्होंने शांतिनिकेतन नामक शैक्षिक और सांस्कृतिक संस्थान की स्थापना की। उनकी काव्य रचना 'गीतांजलि' के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

2

'आत्मत्राण' कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।

Hint

कविता के मुख्य भाव को समझने के लिए कविता के प्रत्येक पद्य को ध्यान से पढ़ें।

Solution

'आत्मत्राण' कविता में कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसे विपत्तियों से बचाए, लेकिन यह प्रार्थना नहीं है कि ईश्वर उसके सभी कष्टों को दूर कर दे। कवि चाहता है कि वह स्वयं संघर्ष करके सफलता प्राप्त करे। वह ईश्वर से केवल इतना चाहता है कि उसे संघर्ष करने की शक्ति मिले। कवि यह भी चाहता है कि ईश्वर उसके बोझ को हल्का कर दे, लेकिन उसे पूरी तरह से न उठाए। कवि की यह प्रार्थना अन्य प्रार्थना गीतों से अलग है, क्योंकि इसमें वह स्वयं के प्रयासों पर जोर देता है।

3

कवि 'आत्मत्राण' में ईश्वर से क्या प्रार्थना करता है और क्यों?

Hint

कविता के उन पंक्तियों पर ध्यान दें जहाँ कवि ईश्वर से अपनी प्रार्थना व्यक्त करता है।

Solution

कवि 'आत्मत्राण' में ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसे विपत्तियों से बचाए, लेकिन वह यह नहीं चाहता कि ईश्वर उसके सभी कष्टों को दूर कर दे। कवि का मानना है कि संघर्ष करने से ही वह सच्ची सफलता प्राप्त कर सकता है। वह ईश्वर से केवल इतना चाहता है कि उसे संघर्ष करने की शक्ति मिले और उसका बोझ हल्का हो। कवि की यह प्रार्थना इसलिए विशेष है क्योंकि इसमें वह स्वयं के प्रयासों और संघर्ष का महत्व बताता है।

4

रवींद्रनाथ ठाकुर की साहित्यिक विशेषताएँ क्या हैं?

Hint

रवींद्रनाथ ठाकुर की साहित्यिक विशेषताओं को समझने के लिए उनकी प्रमुख रचनाओं और उनके विषयों को देखें।

Solution

रवींद्रनाथ ठाकुर की साहित्यिक विशेषताओं में उनकी गहन प्रकृति प्रेम, लोक-संस्कृति के प्रति लगाव, और संगीत एवं कला के प्रति विशेष रुचि शामिल है। उनकी रचनाओं में मानवीय भावनाओं और आध्यात्मिकता का गहरा समन्वय देखने को मिलता है। उन्होंने 'गीतांजलि' जैसी कालजयी रचना लिखी, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला। उनकी रचनाएँ सरल भाषा में गहन विचारों को व्यक्त करती हैं। उन्होंने बंगाली साहित्य को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया और विश्व साहित्य में भारत का नाम रोशन किया।

5

'आत्मत्राण' कविता का शीर्षक क्यों उपयुक्त है?

Hint

कविता के शीर्षक और उसके मूल भाव के बीच के संबंध को समझने का प्रयास करें।

Solution

'आत्मत्राण' कविता का शीर्षक उपयुक्त है क्योंकि इसमें कवि ईश्वर से स्वयं के लिए संघर्ष करने की शक्ति और विपत्तियों से बचाव की प्रार्थना करता है। कवि चाहता है कि वह स्वयं अपने बल पर संघर्ष करे और सफलता प्राप्त करे। यह शीर्षक कविता के मूल भाव को सटीक रूप से व्यक्त करता है, जो स्वयं के प्रयासों और आत्मनिर्भरता पर जोर देता है। कविता में 'आत्मत्राण' यानी 'आत्मा का त्राण' या 'आत्मा की रक्षा' का भाव प्रमुख है, जो शीर्षक की उपयुक्तता को और बढ़ाता है।

6

रवींद्रनाथ ठाकुर के शैक्षिक योगदान पर एक निबंध लिखिए।

Hint

रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा स्थापित शांतिनिकेतन और उनके शैक्षिक दर्शन के बारे में जानकारी एकत्र करें।

Solution

रवींद्रनाथ ठाकुर ने शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया। उन्होंने शांतिनिकेतन नामक एक शैक्षिक और सांस्कृतिक संस्थान की स्थापना की, जो आज भी विश्व प्रसिद्ध है। यह संस्थान प्रकृति के सान्निध्य में शिक्षा प्रदान करने के लिए जानी जाती है। ठाकुर का मानना था कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं, बल्कि छात्रों का सर्वांगीण विकास करना है। उन्होंने पारंपरिक शिक्षा प्रणाली के स्थान पर एक नवीन और प्रगतिशील शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा दिया। उनके शैक्षिक विचार आज भी प्रासंगिक हैं और शिक्षाविदों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

7

'आत्मत्राण' कविता की भाषा और शैली पर प्रकाश डालिए।

Hint

कविता की भाषा और शैली को समझने के लिए कविता के शब्दों और उनके प्रयोग पर ध्यान दें।

Solution

'आत्मत्राण' कविता की भाषा सरल, सहज और प्रवाहमयी है। कवि ने साधारण शब्दों का प्रयोग करके गहन विचारों को व्यक्त किया है। कविता की शैली प्रार्थनात्मक है, जिसमें कवि ईश्वर से अपनी इच्छाएँ व्यक्त करता है। कविता में छंद और लय का सुंदर समन्वय है, जो इसे संगीतमय बनाता है। कवि ने प्रतीकों और उपमाओं का सटीक प्रयोग किया है, जो कविता को और भी प्रभावशाली बनाता है। यह कविता रवींद्रनाथ ठाकुर की साहित्यिक कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

8

रवींद्रनाथ ठाकुर की 'गीतांजलि' का साहित्यिक महत्व क्या है?

Hint

'गीतांजलि' के साहित्यिक महत्व को समझने के लिए इसकी विषयवस्तु और शैली को देखें।

Solution

'गीतांजलि' रवींद्रनाथ ठाकुर की एक कालजयी रचना है, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला। यह काव्य संग्रह मूल रूप से बंगाली में लिखा गया था, जिसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। 'गीतांजलि' में ईश्वर के प्रति भक्ति, प्रकृति प्रेम और मानवीय भावनाओं का गहरा समन्वय है। इसकी कविताएँ सरल भाषा में गहन आध्यात्मिक और दार्शनिक विचारों को व्यक्त करती हैं। 'गीतांजलि' ने भारतीय साहित्य को विश्व पटल पर एक नई पहचान दिलाई और यह आज भी साहित्य प्रेमियों के लिए प्रेरणा स्रोत है।

9

कवि 'आत्मत्राण' में स्वयं के प्रयासों पर क्यों जोर देता है?

Hint

कविता के उन पंक्तियों पर ध्यान दें जहाँ कवि स्वयं के प्रयासों का महत्व बताता है।

Solution

कवि 'आत्मत्राण' में स्वयं के प्रयासों पर इसलिए जोर देता है क्योंकि वह मानता है कि सच्ची सफलता और आत्मसंतुष्टि केवल स्वयं के संघर्ष और प्रयासों से ही प्राप्त की जा सकती है। वह ईश्वर से केवल शक्ति और साहस की प्रार्थना करता है, न कि सभी कष्टों को दूर करने की। कवि का यह दृष्टिकोण उसकी आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान को दर्शाता है। वह चाहता है कि वह अपने जीवन की चुनौतियों का सामना स्वयं करे और इस प्रक्रिया में वह और मजबूत बने। यह विचारधारा कविता को एक विशेष गरिमा और प्रेरणा प्रदान करती है।

10

रवींद्रनाथ ठाकुर के साहित्य में प्रकृति का क्या स्थान है?

Hint

रवींद्रनाथ ठाकुर की रचनाओं में प्रकृति के वर्णन और उसके प्रति उनके दृष्टिकोण को समझने का प्रयास करें।

Solution

रवींद्रनाथ ठाकुर के साहित्य में प्रकृति का विशेष स्थान है। उनकी रचनाओं में प्रकृति के प्रति गहरा लगाव और सम्मान देखने को मिलता है। प्रकृति उनके लिए केवल दृश्य नहीं, बल्कि एक सजीव सत्ता है जो मानवीय भावनाओं को प्रभावित करती है। उनकी कविताओं और गीतों में प्रकृति के विभिन्न रूपों का सुंदर चित्रण मिलता है। प्रकृति उनके साहित्य में मानवीय भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम बनती है। ठाकुर का प्रकृति प्रेम उनके व्यक्तित्व और साहित्य का एक अभिन्न अंग है, जो उनकी रचनाओं को और भी समृद्ध बनाता है।

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वींद्रनाथ ठाकुर – आत्मत्राण - Mastery Worksheet

Advance your understanding through integrative and tricky questions.

This worksheet challenges you with deeper, multi-concept long-answer questions from वींद्रनाथ ठाकुर – आत्मत्राण to prepare for higher-weightage questions in Class X.

Mastery Worksheet

Mastery Worksheet

Intermediate analysis exercises

Deepen your understanding with analytical questions about themes and characters.

Questions

1

रवींद्रनाथ ठाकुर की कविता 'आत्मत्राण' में कवि ईश्वर से क्या प्रार्थना करता है और क्यों?

Hint

कवि की प्रार्थना में आत्मनिर्भरता और संघर्ष की भावना को समझें।

Solution

कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसे संकटों से बचाए, लेकिन वह यह नहीं चाहता कि ईश्वर उसके सभी कष्टों को दूर कर दे। कवि चाहता है कि वह स्वयं संघर्ष करके अपनी समस्याओं का समाधान करे। यह उसकी आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को दर्शाता है।

2

'आत्मत्राण' कविता में कवि की प्रार्थना अन्य प्रार्थना गीतों से किस प्रकार भिन्न है?

Hint

कवि की प्रार्थना की विशिष्टता पर ध्यान दें।

Solution

'आत्मत्राण' कविता में कवि ईश्वर से सीधे सहायता माँगने के बजाय स्वयं संघर्ष करने की शक्ति माँगता है। यह अन्य प्रार्थना गीतों से भिन्न है जहाँ ईश्वर से सीधे सहायता या कष्टों को दूर करने की प्रार्थना की जाती है।

3

रवींद्रनाथ ठाकुर के जीवन और उनकी रचनाओं पर 'आत्मत्राण' कविता का क्या प्रभाव दिखाई देता है?

Hint

रवींद्रनाथ ठाकुर के जीवन दर्शन और कविता के संदेश के बीच संबंध स्थापित करें।

Solution

रवींद्रनाथ ठाकुर का जीवन आत्मनिर्भरता और संघर्ष से भरा था। 'आत्मत्राण' कविता में भी यही भावना झलकती है। उनकी रचनाओं में प्रकृति, मानवता और आध्यात्मिकता के प्रति गहरा लगाव देखा जा सकता है, जो इस कविता में भी परिलक्षित होता है।

4

'आत्मत्राण' कविता में प्रयुक्त प्रतीकों और उनके अर्थों की व्याख्या कीजिए।

Hint

प्रतीकों के माध्यम से कविता के भाव को समझने का प्रयास करें।

Solution

कविता में प्रयुक्त प्रतीकों में 'संकट' जीवन की कठिनाइयों को, 'ईश्वर' आध्यात्मिक शक्ति को, और 'संघर्ष' मानव की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। ये प्रतीक कविता के मूल भाव को गहराई से व्यक्त करते हैं।

5

रवींद्रनाथ ठाकुर की 'आत्मत्राण' और मैथिलीशरण गुप्त की 'प्रार्थना' कविता के बीच तुलना कीजिए।

Hint

दोनों कविताओं के मूल भाव और दृष्टिकोण की तुलना करें।

Solution

रवींद्रनाथ ठाकुर की 'आत्मत्राण' कविता में आत्मनिर्भरता और संघर्ष की भावना प्रमुख है, जबकि मैथिलीशरण गुप्त की 'प्रार्थना' कविता में ईश्वर से सीधे सहायता की प्रार्थना की गई है। दोनों कविताओं में ईश्वर के प्रति श्रद्धा है, लेकिन दृष्टिकोण भिन्न है।

6

'आत्मत्राण' कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।

Hint

कविता के मुख्य भावों को संक्षेप में व्यक्त करें।

Solution

'आत्मत्राण' कविता में कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसे संकटों से बचाए, लेकिन वह यह नहीं चाहता कि ईश्वर उसके सभी कष्टों को दूर कर दे। कवि चाहता है कि वह स्वयं संघर्ष करके अपनी समस्याओं का समाधान करे। यह कविता आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का संदेश देती है।

7

रवींद्रनाथ ठाकुर की 'आत्मत्राण' कविता का आधुनिक युग में क्या महत्व है?

Hint

कविता के संदेश का आधुनिक जीवन से संबंध स्थापित करें।

Solution

आधुनिक युग में, जहाँ व्यक्ति अक्सर बाहरी सहायता पर निर्भर होता है, 'आत्मत्राण' कविता आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का महत्व सिखाती है। यह कविता व्यक्ति को स्वयं संघर्ष करने और अपनी समस्याओं का समाधान खोजने की प्रेरणा देती है।

8

'आत्मत्राण' कविता में कवि की ईश्वर के प्रति क्या धारणा है?

Hint

कवि की ईश्वर के प्रति भावना को समझने का प्रयास करें।

Solution

कवि की ईश्वर के प्रति धारणा आस्था और विश्वास से भरी है, लेकिन वह ईश्वर को सीधे हस्तक्षेप करने के बजाय मार्गदर्शक के रूप में देखता है। कवि चाहता है कि ईश्वर उसे शक्ति दे ताकि वह स्वयं अपनी समस्याओं का सामना कर सके।

9

रवींद्रनाथ ठाकुर की 'आत्मत्राण' कविता और उनके जीवन दर्शन के बीच क्या संबंध है?

Hint

कवि के जीवन दर्शन और कविता के संदेश के बीच संबंध स्थापित करें।

Solution

रवींद्रनाथ ठाकुर का जीवन दर्शन आत्मनिर्भरता, संघर्ष और आध्यात्मिकता पर आधारित था। 'आत्मत्राण' कविता में भी यही दर्शन झलकता है, जहाँ कवि ईश्वर से स्वयं संघर्ष करने की शक्ति माँगता है। यह कविता उनके जीवन दर्शन का प्रतिबिंब है।

10

'आत्मत्राण' कविता के आधार पर रवींद्रनाथ ठाकुर के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का पता चलता है?

Hint

कविता में व्यक्त भावों के आधार पर कवि के व्यक्तित्व की विशेषताओं को समझें।

Solution

'आत्मत्राण' कविता से रवींद्रनाथ ठाकुर के व्यक्तित्व की आत्मनिर्भरता, संघर्षशीलता, आध्यात्मिकता और ईश्वर के प्रति गहरी आस्था जैसी विशेषताओं का पता चलता है। ये विशेषताएँ उनके जीवन और रचनाओं में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं।

वींद्रनाथ ठाकुर – आत्मत्राण - Challenge Worksheet

Push your limits with complex, exam-level long-form questions.

The final worksheet presents challenging long-answer questions that test your depth of understanding and exam-readiness for वींद्रनाथ ठाकुर – आत्मत्राण in Class X.

Challenge Worksheet

Challenge Worksheet

Advanced critical thinking

Test your mastery with complex questions that require critical analysis and reflection.

Questions

1

Evaluate the significance of Rabindranath Tagore's request for self-reliance in 'आत्मत्राण' and its relevance in today's society.

Hint

Consider the balance between seeking help and self-effort in personal growth.

Solution

Discuss how Tagore's emphasis on self-reliance reflects his philosophical views and compare it with contemporary societal dependence on external help. Provide examples from the poem and real-life scenarios.

2

Analyze the metaphor of swimming in 'आत्मत्राण' and how it represents the journey of life.

Hint

Think about how learning to swim requires both instruction and personal practice.

Solution

Explore the layers of meaning behind the swimming metaphor, linking it to life's challenges and the necessity of personal effort. Contrast with instances where external support is crucial.

3

Discuss the role of divine intervention versus personal effort in achieving success as depicted in 'आत्मत्राण'.

Hint

Reflect on the poem's plea for strength rather than solutions.

Solution

Examine Tagore's nuanced view on divine help and self-effort, using textual evidence. Debate whether this perspective undermines or complements the concept of faith.

4

Compare 'आत्मत्राण' with another prayer poem by Tagore, highlighting differences in tone and message.

Hint

Look for poems where Tagore addresses the divine with different requests.

Solution

Select another Tagore poem, analyze its tone and central message, and contrast with 'आत्मत्राण'. Discuss how context influences each poem's approach to spirituality.

5

Critically assess the translation of 'आत्मत्राण' by Harivansh Rai Bachchan and its fidelity to Tagore's original Bengali version.

Hint

Consider how cultural nuances affect translation.

Solution

Evaluate the challenges of translating poetry, focusing on preserving emotional and philosophical depth. Use specific lines to illustrate successes or losses in translation.

6

Explore the concept of 'आत्मत्राण' (self-protection) in the context of modern psychological resilience theories.

Hint

Research how modern psychology views self-reliance.

Solution

Link the poem's themes to psychological concepts like resilience and self-efficacy. Argue whether Tagore's ideas are timeless or context-bound.

7

Debate the effectiveness of 'आत्मत्राण' as a motivational tool for students facing academic pressures.

Hint

Think about the balance between self-reliance and collaborative learning.

Solution

Argue how the poem's message can inspire students to face challenges independently, while also considering the importance of seeking help when needed.

8

Interpret the line 'foinkvksa ls eq>s cpkvks] ;g esjh izkFkZuk ugha' in the context of Tagore's broader literary themes.

Hint

Consider Tagore's universal humanism.

Solution

Analyze how this line reflects Tagore's views on human suffering and divine role, connecting it to his other works that explore similar themes.

9

Assess the impact of Tagore's 'आत्मत्राण' on Indian literature and its reception by contemporary audiences.

Hint

Look for modern interpretations or references to the poem.

Solution

Trace the poem's influence on subsequent literary works and its relevance today, considering changing societal values and individualistic trends.

10

Create a real-life scenario where the teachings of 'आत्मत्राण' could be applied to overcome a challenge, detailing the process and expected outcomes.

Hint

Focus on the practical application of self-reliance and inner strength.

Solution

Design a scenario (e.g., a student struggling with failure) and apply the poem's principles to navigate the situation. Predict the benefits and potential pitfalls of this approach.

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