Brand Logo
CBSE
Blog
Duel
Edzy Pro
Brand Logo

Edzy: Gamified Learning for CBSE & NCERT Students

At Edzy, we make online learning effortless and fun, aligning with the CBSE & NCERT curriculum across all classes, including Class 10. Edzy transforms difficult concepts into engaging, gamified, bite-sized lessons designed for deep understanding and long-term retention.

Gamified Learning Resources
About EdzyContact UsCBSE CoursesClass 10 Gamified Lessons
Parents & Creators
Search EdzyAcademic ReportCreator
Policies
Terms and ConditionsRefund PolicyPrivacy PolicyCookie Policy
Social
EmailWhatsAppX (Twitter)LinkedInFacebookInstagramYouTube
CBSE
Class 10
Hindi
Kshitij - II
तुलसीदास

Revision Guide

तुलसीदास

Revision Guide

तुलसीदास

तुलसीदास अध्याय में हिंदी साहित्य के महान कवि तुलसीदास जी के जीवन और उनकी रचनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई है।

तुलसीदास - Quick Look Revision Guide

Your 1-page summary of the most exam-relevant takeaways from Kshitij - II.

This compact guide covers 20 must-know concepts from तुलसीदास aligned with Class X preparation for Hindi. Ideal for last-minute revision or daily review.

Revision Guide

Revision guide

Complete study summary

Essential formulas, key terms, and important concepts for quick reference and revision.

Key Points

1

तुलसीदास का जन्म 1532 में राजापुर, उत्तर प्रदेश में हुआ।

तुलसीदास का जन्म 1532 में उत्तर प्रदेश के राजापुर गाँव में हुआ था। कुछ विद्वान उनका जन्मस्थान सोरों (एटा) भी मानते हैं। उनका बचपन संघर्षपूर्ण था।

2

तुलसीदास की प्रमुख रचनाएँ: रामचरितमानस, दोहावली, गीतावली।

तुलसीदास की प्रमुख रचनाओं में रामचरितमानस, दोहावली, गीतावली, विनयपत्रिका आदि शामिल हैं। रामचरितमानस अवधी भाषा में लिखी गई है।

3

रामचरितमानस का मुख्य छंद चौपाई है।

रामचरितमानस में मुख्य छंद चौपाई है, जिसमें बीच-बीच में दोहे, सोरठे, गीतिका आदि छंद भी प्रयुक्त हुए हैं।

4

तुलसीदास ने राम को मानवीय मूल्यों का प्रतीक बनाया।

तुलसीदास ने राम को मानवीय मूल्यों और आदर्शों का प्रतीक बनाया। उनके माध्यम से नीति, प्रेम, शील, विनय, त्याग जैसे उच्च आदर्शों को प्रतिष्ठित किया।

5

तुलसीदास की भाषा अवधी और ब्रज दोनों थी।

तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना अवधी में और विनयपत्रिका तथा दोहावली की रचना ब्रज भाषा में की।

6

तुलसीदास का निधन 1623 में काशी में हुआ।

तुलसीदास का निधन 1623 में काशी (वाराणसी) में हुआ था। उनकी रचनाएँ आज भी लोकप्रिय हैं।

7

रामचरितमानस का बालकाण्ड से उद्धरण।

रामचरितमानस के बालकाण्ड से उद्धरण लिया गया है, जिसमें सीता स्वयंवर के बाद राम द्वारा शिव धनुष तोड़ने की घटना का वर्णन है।

8

लक्ष्मण और परशुराम के बीच संवाद।

इस अंश में लक्ष्मण और परशुराम के बीच हुए संवाद को प्रस्तुत किया गया है। लक्ष्मण की वीर रस से ओत-प्रोत व्यंग्यपूर्ण उक्तियाँ और अभिव्यक्ति शैली की सरलता इसकी विशेषता है।

9

परशुराम के क्रोध का कारण।

परशुराम का क्रोध शिव धनुष के टूटने और राम द्वारा उनकी अवहेलना किए जाने के कारण हुआ था।

10

लक्ष्मण की वीरता की विशेषताएँ।

लक्ष्मण ने वीरता की विशेषताएँ बताईं, जैसे कि साहस, शक्ति और विनम्रता का संयोजन। उन्होंने परशुराम के क्रोध का सामना धैर्य से किया।

11

राम की शक्ति की परीक्षा।

परशुराम ने राम की शक्ति की परीक्षा लेने के बाद ही अपना क्रोध शांत किया। राम की शक्ति और धैर्य ने उन्हें प्रभावित किया।

12

परशुराम और लक्ष्मण के संवाद की भाषा शैली।

परशुराम और लक्ष्मण के संवाद में व्यंग्य और वीर रस का अनूठा संयोजन है। लक्ष्मण की अभिव्यक्ति शैली सरल और प्रभावी है।

13

दोहा छंद की विशेषताएँ।

दोहा एक लोकप्रिय मात्रिक छंद है, जिसकी पहली और तीसरी पंक्ति में 13-13 मात्राएँ और दूसरी और चौथी पंक्ति में 11-11 मात्राएँ होती हैं।

14

चौपाई छंद की विशेषताएँ।

चौपाई एक मात्रिक छंद है, जिसकी प्रत्येक पंक्ति में 16 मात्राएँ होती हैं। यह रामचरितमानस का मुख्य छंद है।

15

परशुराम और लक्ष्मण के संवाद में व्यंग्य।

परशुराम और लक्ष्मण के संवाद में व्यंग्य का अनूठा प्रयोग हुआ है। लक्ष्मण ने परशुराम के क्रोध का जवाब व्यंग्यपूर्ण शब्दों में दिया।

16

रामचरितमानस में प्रयुक्त अलंकार।

रामचरितमानस में उपमा, रूपक, अनुप्रास आदि अलंकारों का सुंदर प्रयोग हुआ है। ये अलंकार काव्य को सजीव और आकर्षक बनाते हैं।

17

तुलसीदास की भाषा का सौंदर्य।

तुलसीदास की भाषा सरल, सहज और मधुर है। उन्होंने अवधी और ब्रज भाषा का प्रयोग करके अपनी रचनाओं को लोकप्रिय बनाया।

18

रामचरितमानस का सामाजिक प्रभाव।

रामचरितमानस ने समाज को नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा दी। इसने लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया।

19

तुलसीदास का दर्शन।

तुलसीदास का दर्शन भक्ति और नैतिकता पर आधारित है। उन्होंने राम को ईश्वर का अवतार मानकर उनकी भक्ति का प्रचार किया।

20

तुलसीदास की रचनाओं का ऐतिहासिक महत्व।

तुलसीदास की रचनाएँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनमें तत्कालीन सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों का वर्णन मिलता है।

📚 Learn Without Limits

Access NCERT content for free. No hidden charges—just pure learning.

Edzy mobile app

Chapters related to "तुलसीदास"

सूरदास

सूरदास

सूरदास अध्याय में भक्ति कवि सूरदास के जीवन और उनकी कृष्ण भक्ति पर आधारित कविताओं का अध्ययन किया जाता है।

जयशंकर प्रसाद

जयशंकर प्रसाद

जयशंकर प्रसाद एक प्रसिद्ध हिंदी कवि, नाटककार और उपन्यासकार हैं, जिनकी रचनाएँ हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।

देव

देव

अध्याय 'देव' में कवि सुमित्रानंदन पंत द्वारा प्रकृति और ईश्वर के बीच के संबंध को काव्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है।

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला'

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला'

This chapter explores the life and works of the renowned Hindi poet Suryakant Tripathi 'Nirala', highlighting his contributions to modern Hindi literature.

Worksheet Levels Explained

This drawer provides information about the different levels of worksheets available in the app.