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CBSE
Class 10
Hindi
Kshitij - II
यशपाल

Worksheet

यशपाल

Worksheet

यशपाल

यशपाल एक प्रसिद्ध हिंदी लेखक हैं जिनकी रचनाएँ समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती हैं।

यशपाल - Practice Worksheet

Strengthen your foundation with key concepts and basic applications.

This worksheet covers essential long-answer questions to help you build confidence in यशपाल from Kshitij - II for Class X (Hindi).

Practice Worksheet

Practice Worksheet

Basic comprehension exercises

Strengthen your understanding with fundamental questions about the chapter.

Questions

1

यशपाल की रचनाओं में आम आदमी के सरोकारों की मौजूदगी कैसे देखी जा सकती है?

Hint

यशपाल की रचनाओं के सामाजिक और राजनीतिक पहलुओं पर ध्यान दें।

Solution

यशपाल की रचनाओं में आम आदमी के सरोकारों की मौजूदगी उनके यथार्थवादी शैली में देखी जा सकती है। वे सामाजिक विषमता, राजनीतिक खेल और रूढ़ियों के खिलाफ अपनी रचनाओं में मुखर हैं। उनकी कहानियों जैसे 'खून का रिश्ता', 'तर्क का तूफान', 'विजेता की विवशता', 'ओ बेलों दुनिया', 'फूलों का क़त्ल' में आम आदमी की पीड़ा और संघर्ष को उजागर किया गया है। उनका उपन्यास 'झूठा सच' भारत विभाजन की त्रासदी का एक मार्मिक दस्तावेज है, जिसमें आम आदमी की पीड़ा को केंद्र में रखा गया है। यशपाल की भाषा की सहजता और जीवंतता उनकी रचनाओं को आम आदमी के करीब लाती है।

2

यशपाल के साहित्य में यथार्थवाद की विशेषताएँ क्या हैं?

Hint

यथार्थवाद की परिभाषा और यशपाल की रचनाओं में इसके प्रयोग पर विचार करें।

Solution

यशपाल के साहित्य में यथार्थवाद की विशेषताएँ उनके द्वारा चित्रित सामाजिक और राजनीतिक यथार्थ में देखी जा सकती हैं। वे समाज की कुरीतियों और विसंगतियों को बिना किसी लाग-लपेट के प्रस्तुत करते हैं। उनकी रचनाओं में चरित्रों का निर्माण और उनकी भाषा यथार्थवादी होती है, जो पाठक को सीधे उस समय के सामाजिक परिवेश में ले जाती है। 'झूठा सच' उपन्यास में भारत विभाजन की त्रासदी को यथार्थवादी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यशपाल की कहानियों में भी यथार्थवादी दृष्टिकोण स्पष्ट देखा जा सकता है, जहाँ वे समाज के हर वर्ग की पीड़ा और संघर्ष को उजागर करते हैं।

3

यशपाल की रचना 'झूठा सच' के माध्यम से भारत विभाजन की त्रासदी को कैसे दर्शाया गया है?

Hint

भारत विभाजन के सामाजिक और मानवीय पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करें।

Solution

'झूठा सच' यशपाल का एक महत्वपूर्ण उपन्यास है जिसमें भारत विभाजन की त्रासदी को बहुत ही मार्मिक ढंग से दर्शाया गया है। इस उपन्यास में यशपाल ने विभाजन के दौरान हुए दंगों, हिंसा और मानवीय पीड़ा को यथार्थवादी ढंग से प्रस्तुत किया है। उन्होंने दिखाया है कि कैसे सामान्य लोगों का जीवन इस त्रासदी से प्रभावित हुआ। उपन्यास के पात्रों के माध्यम से यशपाल ने विभाजन के समय की सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों को उजागर किया है। यह उपन्यास न केवल एक ऐतिहासिक दस्तावेज है बल्कि मानवीय संवेदनाओं का भी गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है।

4

यशपाल की कहानियों में सामाजिक विषमता को कैसे उजागर किया गया है?

Hint

यशपाल की कहानियों में चित्रित सामाजिक समस्याओं पर ध्यान दें।

Solution

यशपाल की कहानियों में सामाजिक विषमता को बहुत ही स्पष्ट और प्रभावी ढंग से उजागर किया गया है। उनकी कहानियाँ समाज के विभिन्न वर्गों के बीच की खाई को दर्शाती हैं। उदाहरण के लिए, 'खून का रिश्ता' कहानी में जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता को चित्रित किया गया है। यशपाल ने अपनी कहानियों में गरीबों, दलितों और महिलाओं की पीड़ा को विशेष स्थान दिया है। उनकी रचनाओं में सामाजिक विषमता के कारणों और उसके परिणामों का गहन विश्लेषण मिलता है। यशपाल की भाषा और शैली इन विषयों को और भी प्रभावी बनाती है।

5

यशपाल के साहित्य में महिलाओं की स्थिति को कैसे दर्शाया गया है?

Hint

यशपाल की रचनाओं में महिला पात्रों की भूमिका और उनके संघर्ष पर विचार करें।

Solution

यशपाल के साहित्य में महिलाओं की स्थिति को बहुत ही संवेदनशील और यथार्थवादी ढंग से दर्शाया गया है। उनकी रचनाओं में महिलाओं के संघर्ष, उनकी पीड़ा और उनकी मजबूत इच्छाशक्ति को उजागर किया गया है। उदाहरण के लिए, 'अमृता' और 'दिव्या' जैसे उपन्यासों में महिला पात्रों के माध्यम से समाज में उनकी स्थिति और संघर्ष को दिखाया गया है। यशपाल ने महिलाओं के प्रति समाज के दोहरे मापदंडों और उनके साथ होने वाले अन्याय को भी अपनी रचनाओं में चित्रित किया है। उनकी रचनाएँ महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने का काम करती हैं।

6

यशपाल की भाषा शैली की विशेषताएँ क्या हैं?

Hint

यशपाल की भाषा की सरलता और यथार्थवादी प्रस्तुति पर ध्यान दें।

Solution

यशपाल की भाषा शैली की मुख्य विशेषताएँ सहजता, जीवंतता और यथार्थवाद हैं। उनकी भाषा बहुत ही सरल और समझने में आसान होती है, जिससे पाठक उनकी रचनाओं से सीधे जुड़ जाते हैं। यशपाल ने अपनी रचनाओं में आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया है, जिससे उनकी कहानियाँ और उपन्यास जीवंत लगते हैं। उनकी भाषा में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा और गति होती है, जो पाठक को बांधे रखती है। यशपाल की भाषा शैली उनके यथार्थवादी दृष्टिकोण को और भी प्रभावी बनाती है। उनकी रचनाओं में दिए गए संवाद भी बहुत ही प्रभावी और यथार्थवादी होते हैं।

7

यशपाल के साहित्य में राजनीतिक विषयों को कैसे उठाया गया है?

Hint

यशपाल की रचनाओं में राजनीतिक व्यवस्था और उसके प्रभावों पर विचार करें।

Solution

यशपाल के साहित्य में राजनीतिक विषयों को बहुत ही स्पष्ट और निर्भीक ढंग से उठाया गया है। उनकी रचनाओं में राजनीतिक खेल, भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग को उजागर किया गया है। उदाहरण के लिए, 'पार्टी कामरेड' और 'दादा कामरेड' जैसे उपन्यासों में राजनीतिक पार्टियों के अंदरूनी खेल और उनके द्वारा आम आदमी के शोषण को दर्शाया गया है। यशपाल ने अपनी रचनाओं में राजनीतिक व्यवस्था की कमियों और उसके नकारात्मक प्रभावों को भी चित्रित किया है। उनका साहित्य राजनीतिक जागरूकता फैलाने और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति सचेत करने का काम करता है।

8

यशपाल की रचनाओं में धर्म और सम्प्रदाय के प्रति कैसा दृष्टिकोण देखने को मिलता है?

Hint

यशपाल की रचनाओं में धर्म और सम्प्रदाय के प्रति उनके मानवतावादी दृष्टिकोण पर ध्यान दें।

Solution

यशपाल की रचनाओं में धर्म और सम्प्रदाय के प्रति एक उदार और तर्कसंगत दृष्टिकोण देखने को मिलता है। उन्होंने अपनी रचनाओं में धार्मिक कट्टरता और साम्प्रदायिकता के खिलाफ़ मुखर आवाज़ उठाई है। 'झूठा सच' उपन्यास में उन्होंने साम्प्रदायिक दंगों और उनके विनाशकारी परिणामों को बहुत ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है। यशपाल ने दिखाया है कि कैसे धर्म और सम्प्रदाय के नाम पर लोगों को बाँटा जाता है और उनके बीच हिंसा फैलाई जाती है। उनकी रचनाओं में धर्म के सच्चे स्वरूप और मानवीय मूल्यों को महत्व दिया गया है। यशपाल का दृष्टिकोण धर्मनिरपेक्ष और मानवतावादी है।

9

यशपाल के साहित्य का हिंदी साहित्य में क्या योगदान है?

Hint

यशपाल के साहित्य की विशेषताओं और उसके प्रभाव पर विचार करें।

Solution

यशपाल का हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक, राजनीतिक और मानवीय मुद्दों को उठाकर हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। यशपाल की रचनाएँ यथार्थवादी और प्रगतिशील विचारधारा से प्रेरित हैं, जिसने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी। उनके उपन्यास और कहानियाँ न केवल मनोरंजन का साधन हैं बल्कि समाज को जागरूक करने का भी काम करती हैं। यशपाल ने हिंदी साहित्य में एक नई शैली और भाषा का विकास किया, जो आज भी प्रासंगिक है। उनका साहित्य आज भी पाठकों और विद्वानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

10

यशपाल की रचनाओं में आदर्शवाद और यथार्थवाद का कैसा समन्वय देखने को मिलता है?

Hint

यशपाल की रचनाओं में यथार्थवादी और आदर्शवादी तत्वों के मिश्रण पर ध्यान दें।

Solution

यशपाल की रचनाओं में आदर्शवाद और यथार्थवाद का एक सुंदर समन्वय देखने को मिलता है। उनकी रचनाएँ यथार्थवादी होते हुए भी आदर्शों से परिपूर्ण हैं। यशपाल ने समाज की कुरीतियों और विसंगतियों को यथार्थवादी ढंग से प्रस्तुत किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने एक बेहतर समाज के निर्माण का आदर्श भी प्रस्तुत किया है। उनकी रचनाओं में पात्रों के माध्यम से आदर्शवादी विचारों को भी स्थान दिया गया है। यशपाल का मानना था कि साहित्य का उद्देश्य न केवल यथार्थ को दिखाना है बल्कि उसे बदलने की प्रेरणा भी देना है। इसीलिए उनकी रचनाओं में यथार्थवाद और आदर्शवाद का सहज समन्वय देखने को मिलता है।

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यशपाल - Mastery Worksheet

Advance your understanding through integrative and tricky questions.

This worksheet challenges you with deeper, multi-concept long-answer questions from यशपाल to prepare for higher-weightage questions in Class X.

Mastery Worksheet

Mastery Worksheet

Intermediate analysis exercises

Deepen your understanding with analytical questions about themes and characters.

Questions

1

यशपाल की रचनाओं में आम आदमी के जीवन की कैसी छवि दिखाई देती है? उदाहरण सहित समझाइए।

Hint

यशपाल के साहित्यिक दृष्टिकोण और उनकी रचनाओं के मुख्य विषयों पर विचार करें।

Solution

यशपाल की रचनाओं में आम आदमी के जीवन की वास्तविकता और संघर्ष की छवि स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ सामाजिक विषमता, राजनीतिक भ्रष्टाचार और रूढ़ियों के खिलाफ आवाज उठाती हैं। उदाहरण के लिए, 'झूठा-सच' उपन्यास में भारत विभाजन की त्रासदी के माध्यम से आम आदमी के दर्द को दर्शाया गया है।

2

यशपाल की 'यशोधरा' और प्रेमचंद की 'गोदान' की मुख्य नारी पात्रों की तुलना कीजिए।

Hint

दोनों पात्रों की सामाजिक पृष्ठभूमि और उनके चरित्र की विशेषताओं पर ध्यान दें।

Solution

यशपाल की 'यशोधरा' और प्रेमचंद की 'गोदान' की मुख्य नारी पात्रों में समानता और अंतर दोनों हैं। यशोधरा एक शिक्षित और स्वतंत्र विचारों वाली नारी है जबकि 'गोदान' की धनिया एक पारंपरिक ग्रामीण नारी है। दोनों ही अपने-अपने समाज में स्त्री की स्थिति को दर्शाती हैं।

3

यशपाल के साहित्य में भाषा की क्या विशेषताएँ हैं? उदाहरण सहित समझाइए।

Hint

यशपाल की भाषा शैली और उनके द्वारा प्रयुक्त शब्दावली पर विचार करें।

Solution

यशपाल के साहित्य में भाषा की मुख्य विशेषता उसकी सहजता और प्रवाहमयता है। वे जटिल विचारों को भी सरल भाषा में व्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिए, 'दिव्या' उपन्यास में उन्होंने गहरे दार्शनिक विचारों को सरल और प्रभावी भाषा में प्रस्तुत किया है।

4

यशपाल की कहानी 'उसने कहा था' के माध्यम से लेखक ने किस सामाजिक समस्या को उजागर किया है?

Hint

कहानी के प्लॉट और पात्रों के बीच के संबंधों पर ध्यान दें।

Solution

'उसने कहा था' कहानी के माध्यम से यशपाल ने सामाजिक असमानता और शोषण की समस्या को उजागर किया है। कहानी का मुख्य पात्र एक गरीब किसान है जो समाज के उच्च वर्ग द्वारा शोषित होता है। यह कहानी सामाजिक न्याय के प्रति लेखक की चिंता को दर्शाती है।

5

यशपाल के साहित्य में यथार्थवादी दृष्टिकोण कैसे प्रकट होता है? उदाहरण सहित समझाइए।

Hint

यशपाल के यथार्थवादी दृष्टिकोण और उनकी रचनाओं में इसके प्रयोग पर विचार करें।

Solution

यशपाल के साहित्य में यथार्थवादी दृष्टिकोण समाज की वास्तविकताओं को बिना किसी लाग-लपेट के प्रस्तुत करने में प्रकट होता है। उदाहरण के लिए, 'मेरी तेरी उसकी बात' कहानी संग्रह में उन्होंने मध्यवर्गीय जीवन की विसंगतियों को बेबाकी से दर्शाया है।

6

यशपाल और मुंशी प्रेमचंद के साहित्यिक दृष्टिकोण में क्या अंतर है?

Hint

दोनों लेखकों की रचनाओं के विषय और भाषा शैली की तुलना करें।

Solution

यशपाल और मुंशी प्रेमचंद के साहित्यिक दृष्टिकोण में मुख्य अंतर उनकी विषय वस्तु और भाषा शैली में है। प्रेमचंद ग्रामीण जीवन और किसानों की समस्याओं पर केंद्रित हैं जबकि यशपाल शहरी मध्यवर्ग और उसकी विसंगतियों पर अधिक ध्यान देते हैं। प्रेमचंद की भाषा अधिक साहित्यिक और परिष्कृत है जबकि यशपाल की भाषा सरल और प्रभावी है।

7

यशपाल की 'दिव्या' उपन्यास की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

Hint

उपन्यास के मुख्य विषय और पात्रों के विकास पर ध्यान दें।

Solution

'दिव्या' उपन्यास की मुख्य विशेषताएँ इसकी गहन दार्शनिक विचारधारा और मानवीय संबंधों की जटिलताओं का सूक्ष्म विश्लेषण है। उपन्यास में नारी मुक्ति और आत्मनिर्भरता के विषय को गहराई से उठाया गया है। यशपाल ने इसमें समाज की रूढ़िवादी मानसिकता को चुनौती दी है।

8

यशपाल के साहित्य में नारी चरित्रों की क्या भूमिका है?

Hint

यशपाल की रचनाओं में नारी पात्रों के चरित्र और उनकी भूमिका पर विचार करें।

Solution

यशपाल के साहित्य में नारी चरित्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे नारी को समाज में उसके वास्तविक स्वरूप में प्रस्तुत करते हैं, जो स्वतंत्र, सशक्त और अपने निर्णय स्वयं लेने में सक्षम है। उदाहरण के लिए, 'दिव्या' उपन्यास की मुख्य पात्र दिव्या एक शिक्षित और स्वतंत्र विचारों वाली नारी है जो समाज की रूढ़ियों को चुनौती देती है।

9

यशपाल की कहानियों में समाज के किस वर्ग को अधिक महत्व दिया गया है और क्यों?

Hint

यशपाल की कहानियों के पात्रों की सामाजिक पृष्ठभूमि पर ध्यान दें।

Solution

यशपाल की कहानियों में मध्यवर्ग और निम्न मध्यवर्ग को अधिक महत्व दिया गया है। इसका कारण यह है कि ये वर्ग समाज की विसंगतियों और परिवर्तनों को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं। यशपाल इन वर्गों के माध्यम से समाज की वास्तविकताओं को उजागर करते हैं।

10

यशपाल के साहित्य में आदर्शवाद और यथार्थवाद का कैसा समन्वय देखने को मिलता है?

Hint

यशपाल की रचनाओं में आदर्श और यथार्थ के तत्वों की पहचान करें।

Solution

यशपाल के साहित्य में आदर्शवाद और यथार्थवाद का अनूठा समन्वय देखने को मिलता है। वे यथार्थवादी दृष्टिकोण से समाज की समस्याओं को उजागर करते हैं लेकिन साथ ही आदर्शवादी विचारों के माध्यम से समाधान की ओर भी संकेत करते हैं। उदाहरण के लिए, 'दिव्या' उपन्यास में नारी मुक्ति के आदर्श को यथार्थवादी परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया गया है।

यशपाल - Challenge Worksheet

Push your limits with complex, exam-level long-form questions.

The final worksheet presents challenging long-answer questions that test your depth of understanding and exam-readiness for यशपाल in Class X.

Challenge Worksheet

Challenge Worksheet

Advanced critical thinking

Test your mastery with complex questions that require critical analysis and reflection.

Questions

1

यशपाल की रचनाओं में आम आदमी के सरोकारों की मौजूदगी है। इस कथन की पुष्टि में उनकी किसी एक रचना का विश्लेषण कीजिए।

Hint

यशपाल के सामाजिक यथार्थवादी दृष्टिकोण पर विचार करें।

Solution

यशपाल की रचनाओं में आम आदमी की समस्याओं, संघर्षों और आकांक्षाओं को गहराई से चित्रित किया गया है। उदाहरण के लिए, 'झूठा-सच' उपन्यास में भारत विभाजन की त्रासदी के माध्यम से आम आदमी के दर्द को दिखाया गया है।

2

यशपाल की कहानियों में सामाजिक विषमता और राजनीतिक शोषण के प्रति उनका आक्रोश किस प्रकार व्यक्त हुआ है?

Hint

कहानी के पात्रों और उनकी परिस्थितियों पर ध्यान दें।

Solution

यशपाल ने अपनी कहानियों में सामाजिक विषमता और राजनीतिक शोषण के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठाई है। 'कफन' कहानी में गरीबी और सामाजिक उपेक्षा का मार्मिक चित्रण है।

3

यशपाल के साहित्य में भाषा की स्वाभाविकता और जीवंतता उनकी किस विशेषता को दर्शाती है?

Hint

भाषा और शैली के बीच के संबंध पर विचार करें।

Solution

यशपाल की भाषा सरल, सहज और जीवंत है जो उनके यथार्थवादी दृष्टिकोण को दर्शाती है। वे जनभाषा का प्रयोग करके पाठकों से सीधा संवाद स्थापित करते हैं।

4

यशपाल की कहानी 'उसने कहा था' में नायक की विवशता और समाज के प्रति उसका रवैया किस प्रकार उजागर होता है?

Hint

नायक के चरित्र और उसके परिवेश का विश्लेषण करें।

Solution

इस कहानी में नायक की विवशता और समाज के प्रति उसका रवैया उसके आंतरिक संघर्ष और बाहरी दबावों के माध्यम से उजागर होता है। नायक की स्थिति समाज की कठोर वास्तविकताओं को दर्शाती है।

5

यशपाल के साहित्य में नारी चरित्रों का चित्रण किस प्रकार हुआ है?

Hint

नारी चरित्रों की भूमिका और उनके संघर्षों पर ध्यान दें।

Solution

यशपाल ने अपने साहित्य में नारी चरित्रों को सशक्त और स्वतंत्र रूप में चित्रित किया है। वे नारी की समस्याओं और संघर्षों को गहराई से उजागर करते हैं।

6

यशपाल की रचनाओं में मानवीय संवेदनाओं का चित्रण किस प्रकार हुआ है?

Hint

पात्रों के आंतरिक संवेदनाओं और उनके बाहरी व्यवहार के बीच के संबंध को देखें।

Solution

यशपाल की रचनाओं में मानवीय संवेदनाओं को बहुत ही सूक्ष्मता और गहराई से चित्रित किया गया है। वे पात्रों के भावनात्मक संघर्षों को बहुत ही प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करते हैं।

7

यशपाल के साहित्य में समकालीन सामाजिक और राजनीतिक विषयों का प्रभाव किस प्रकार दिखाई देता है?

Hint

समकालीन घटनाओं और उनके साहित्यिक प्रतिबिंब पर विचार करें।

Solution

यशपाल के साहित्य में समकालीन सामाजिक और राजनीतिक विषयों का गहरा प्रभाव दिखाई देता है। वे अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज की विसंगतियों और राजनीतिक शोषण को उजागर करते हैं।

8

यशपाल की कहानियों में यथार्थवादी दृष्टिकोण किस प्रकार प्रकट होता है?

Hint

कहानी के यथार्थवादी तत्वों की पहचान करें।

Solution

यशपाल की कहानियों में यथार्थवादी दृष्टिकोण उनके पात्रों, परिवेश और कथानक के माध्यम से प्रकट होता है। वे समाज की वास्तविकताओं को बिना किसी लाग-लपेट के प्रस्तुत करते हैं।

9

यशपाल के साहित्य में आदर्शवाद और यथार्थवाद का समन्वय किस प्रकार देखा जा सकता है?

Hint

पात्रों के आदर्श और उनके वास्तविक जीवन के बीच के अंतर को समझें।

Solution

यशपाल के साहित्य में आदर्शवाद और यथार्थवाद का समन्वय उनके पात्रों के आदर्शों और वास्तविक जीवन के संघर्षों के माध्यम से देखा जा सकता है। वे आदर्शों को यथार्थ के धरातल पर प्रस्तुत करते हैं।

10

यशपाल की रचनाओं में हास्य और व्यंग्य का प्रयोग किस प्रकार हुआ है?

Hint

हास्य और व्यंग्य के माध्यम से समाज की आलोचना को समझें।

Solution

यशपाल ने अपनी रचनाओं में हास्य और व्यंग्य का प्रयोग समाज की विसंगतियों और मानवीय कमजोरियों को उजागर करने के लिए किया है। उनका व्यंग्य तीखा और प्रभावी है।

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