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कैफ़ी आज़मी – कर चले हम फ़िदा

कैफ़ी आज़मी – कर चले हम फ़िदा

कैफ़ी आज़मी – कर चले हम फ़िदा

कैफ़ी आज़मी की कविता 'कर चले हम फ़िदा' देशभक्ति और बलिदान की भावना को दर्शाती है।

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Class X Hindi FAQs: कैफ़ी आज़मी – कर चले हम फ़िदा Important Questions & Answers

A comprehensive list of 20+ exam-relevant FAQs from कैफ़ी आज़मी – कर चले हम फ़िदा (Sparsh) to help you prepare for Class X.

कैफ़ी आज़मी का जन्म 19 जनवरी 1919 को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले के मजूमन गाँव में हुआ था। वे प्रगतिशील मुस्लिम कवियों की पहली पंक्ति में गिने जाते हैं। उनकी कविताओं में सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता के साथ-साथ हृदय की कोमलता भी झलकती है।

कैफ़ी आज़मी ने फ़िल्मों के लिए सैकड़ों उत्कृष्ट गीत लिखे हैं। उनके गीतों में सामाजिक सरोकार और मानवीय संवेदनाएँ स्पष्ट दिखाई देती हैं। उन्होंने फ़िल्म 'हकीकत' के लिए यह गीत 'कर चले हम फ़िदा' लिखा, जिसे बहुत लोकप्रियता मिली।

यह गीत युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी फ़िल्म 'हकीकत' के लिए लिखा गया था। यह गीत उन सैनिकों के हृदय की आवाज़ को व्यक्त करता है जो अपने कर्तव्य पर शहीद हो गए। यह गीत देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत है और सैनिकों के बलिदान को याद दिलाता है।

गीत में 'लश्कर-ए-साथियों' शब्द का प्रयोग सैनिकों के साथियों के लिए किया गया है। यह शब्द सैनिकों के बीच की भाईचारे और एकता की भावना को दर्शाता है। यह शब्द गीत में सैनिकों के साहस और बलिदान को उजागर करता है।

यह पंक्ति भारत की गरिमा और स्वाभिमान की रक्षा करने के संकल्प को दर्शाती है। हिमालय भारत की शान और प्रतीक है, और इस पंक्ति के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि हमने दुश्मन के सामने कभी सिर नहीं झुकाया। यह पंक्ति देशभक्ति की भावना को और मजबूत करती है।

गीत में 'धरती को नर्गिस' इसलिए कहा गया है क्योंकि सैनिकों के बलिदान से धरती सुंदर और गौरवान्वित हो गई है। नर्गिस एक सुंदर फूल है, और इसके माध्यम से कवि यह दर्शाना चाहता है कि सैनिकों के रक्त से सिंचित धरती अब और भी सुंदर हो गई है। यह पंक्ति सैनिकों के बलिदान की महत्ता को उजागर करती है।

गीत में 'सर पर कफ़न बाँधना' सैनिकों के जीवन को दाँव पर लगाने की भावना की ओर संकेत करता है। यह पंक्ति सैनिकों के निडरता और देश के लिए मर-मिटने के संकल्प को दर्शाती है। यह गीत में सैनिकों के साहस और बलिदान को उजागर करने वाली एक महत्वपूर्ण पंक्ति है।

गीत 'कर चले हम फ़िदा' का प्रतिपाद्य देशभक्ति और सैनिकों के बलिदान है। यह गीत सैनिकों के हृदय की आवाज़ को व्यक्त करता है, जो देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे देते हैं। गीत में सैनिकों के साहस, एकता और देश के प्रति समर्पण की भावना को उजागर किया गया है। यह गीत देशवासियों को सैनिकों के बलिदान को याद दिलाता है और देशभक्ति की भावना को जगाता है।

गीत में 'लश्कर-ए-साथियों' का प्रयोग सैनिकों के बीच की भाईचारे और एकता की भावना को दर्शाने के लिए किया गया है। यह शब्द सैनिकों के साथियों के प्रति उनके लगाव और समर्पण को व्यक्त करता है। यह गीत में सैनिकों के साहस और बलिदान को उजागर करने वाला एक महत्वपूर्ण शब्द है।

यह पंक्ति सैनिकों के संघर्ष और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। साँस थमने का अर्थ है जीवन की कठिनाइयाँ, लेकिन नब्ज़ बढ़ने का अर्थ है हिम्मत और साहस में वृद्धि। यह पंक्ति सैनिकों के अदम्य साहस और देश के लिए जी-जान से लड़ने की भावना को व्यक्त करती है।

यह पंक्ति सैनिकों के बलिदान और देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने की भावना को दर्शाती है। ख़ून से लकीर खींचने का अर्थ है देश की सीमाओं की रक्षा करना और दुश्मन को आगे न बढ़ने देना। यह पंक्ति सैनिकों के साहस और देशभक्ति की भावना को उजागर करती है।

यह पंक्ति सैनिकों के महत्व और उनके योगदान को दर्शाती है। राम और लक्ष्मण की तरह सैनिक भी देश की रक्षा के लिए हर संघर्ष का सामना करते हैं। यह पंक्ति सैनिकों के बलिदान और देशभक्ति की भावना को उजागर करती है।

यह पंक्ति सैनिकों की विजय और उनके बलिदान के बाद मिलने वाली खुशी को दर्शाती है। फ़तेह का जश्न यानी विजय का उत्सव, जो सैनिकों के बलिदान के बाद मनाया जाता है। यह पंक्ति सैनिकों के साहस और देशभक्ति की भावना को उजागर करती है।

यह पंक्ति सैनिकों के बलिदान और मौत को गले लगाने की भावना को दर्शाती है। सैनिक देश की रक्षा के लिए मौत को भी गले लगाने को तैयार हैं। यह पंक्ति सैनिकों के साहस और देशभक्ति की भावना को उजागर करती है।

यह पंक्ति सैनिकों के जीवन को दाँव पर लगाने की भावना को दर्शाती है। कफ़न बाँधने का अर्थ है मौत को गले लगाने के लिए तैयार होना। यह पंक्ति सैनिकों के साहस और देशभक्ति की भावना को उजागर करती है।

यह पंक्ति सैनिकों के बलिदान और देश के प्रति समर्पण को दर्शाती है। हुस्न और इश्क़ को रूस्वा करने का अर्थ है व्यक्तिगत सुखों को त्याग कर देश की रक्षा के लिए समर्पित होना। यह पंक्ति सैनिकों के साहस और देशभक्ति की भावना को उजागर करती है।

यह पंक्ति उन युवाओं की ओर संकेत करती है जो देश की रक्षा के लिए ख़ून बहाने से कतराते हैं। यह पंक्ति सैनिकों के बलिदान और देशभक्ति की भावना को उजागर करती है और युवाओं को देश की रक्षा के लिए प्रेरित करती है।

यह पंक्ति सैनिकों के बलिदान से धरती के सुंदर और गौरवान्वित होने की भावना को दर्शाती है। दुल्हन की तरह धरती का सजना-संवरना सैनिकों के रक्त से सिंचित होने का प्रतीक है। यह पंक्ति सैनिकों के बलिदान की महत्ता को उजागर करती है।

यह पंक्ति सैनिकों के बलिदान की राह को सदैव जीवंत बनाए रखने की भावना को दर्शाती है। कुर्बानियों की राह वीरान न होने का अर्थ है कि सैनिकों का बलिदान कभी भुलाया नहीं जाएगा। यह पंक्ति सैनिकों के साहस और देशभक्ति की भावना को उजागर करती है।

यह पंक्ति देश की रक्षा के लिए नए सैनिकों को तैयार करने की भावना को दर्शाती है। नए क़फ़िले सजाने का अर्थ है नई पीढ़ी को देशभक्ति और सैनिकों के बलिदान की भावना से प्रेरित करना। यह पंक्ति देश की सुरक्षा और सैनिकों के योगदान को उजागर करती है।

यह पंक्ति सैनिकों के बलिदान और सामान्य जीवन के बीच के अंतर को दर्शाती है। कुर्बानी और जान में फ़र्क़ बताने का अर्थ है सैनिकों के बलिदान को सामान्य मौत से अलग मानना। यह पंक्ति सैनिकों के साहस और देशभक्ति की भावना को उजागर करती है।

यह पंक्ति सैनिकों के बलिदान और मौत को गले लगाने की भावना को दर्शाती है। सैनिक देश की रक्षा के लिए मौत को भी गले लगाने को तैयार हैं। यह पंक्ति सैनिकों के साहस और देशभक्ति की भावना को उजागर करती है।

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