Brand Logo
CBSE
Blog
Duel
Edzy Pro
Brand Logo

Edzy: Gamified Learning for CBSE & NCERT Students

At Edzy, we make online learning effortless and fun, aligning with the CBSE & NCERT curriculum across all classes, including Class 10. Edzy transforms difficult concepts into engaging, gamified, bite-sized lessons designed for deep understanding and long-term retention.

Gamified Learning Resources
About EdzyContact UsCBSE CoursesClass 10 Gamified Lessons
Parents & Creators
Search EdzyAcademic ReportCreator
Policies
Terms and ConditionsRefund PolicyPrivacy PolicyCookie Policy
Social
EmailWhatsAppX (Twitter)LinkedInFacebookInstagramYouTube
CBSE
Class 10
Hindi
Sparsh
मैथिलीशरण गुप्त – मानुषीता

Worksheet

मैथिलीशरण गुप्त – मानुषीता

Worksheet

मैथिलीशरण गुप्त – मानुषीता

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' मानवता और नैतिक मूल्यों की महत्ता को उजागर करती है।

मैथिलीशरण गुप्त – मानुषीता - Practice Worksheet

Strengthen your foundation with key concepts and basic applications.

This worksheet covers essential long-answer questions to help you build confidence in मैथिलीशरण गुप्त – मानुषीता from Sparsh for Class X (Hindi).

Practice Worksheet

Practice Worksheet

Basic comprehension exercises

Strengthen your understanding with fundamental questions about the chapter.

Questions

1

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में मनुष्यता का क्या अर्थ है?

Hint

कविता के उन पंक्तियों पर ध्यान दें जहाँ कवि ने मनुष्यता के गुणों का वर्णन किया है।

Solution

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में मनुष्यता का अर्थ है दूसरों के लिए जीना और मरना। कवि के अनुसार, वही सच्चा मनुष्य है जो दूसरों के हित के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देता है। यह कविता मनुष्य के उच्चतम आदर्शों को प्रस्तुत करती है, जहाँ स्वार्थ से ऊपर उठकर परमार्थ की भावना को महत्व दिया गया है। कवि ने इसके लिए ऐतिहासिक और पौराणिक पात्रों के उदाहरण दिए हैं, जिन्होंने मानवता के लिए अपना सब कुछ अर्पित कर दिया।

2

कवि ने 'लोकहित' को मनुष्यता का आधार क्यों माना है?

Hint

कविता में दिए गए ऐतिहासिक और पौराणिक उदाहरणों पर विचार करें।

Solution

कवि मैथिलीशरण गुप्त ने 'लोकहित' को मनुष्यता का आधार इसलिए माना है क्योंकि यही वह गुण है जो मनुष्य को पशु से अलग करता है। लोकहित की भावना से प्रेरित होकर मनुष्य दूसरों के कल्याण के लिए कार्य करता है, जो उसकी महानता को दर्शाता है। कवि ने इसके लिए ऐतिहासिक और पौराणिक उदाहरण दिए हैं, जैसे कि दधीचि, कर्ण आदि, जिन्होंने समाज के हित के लिए अपना सब कुछ दान कर दिया। यह भावना मनुष्य को अमर बनाती है और उसकी मृत्यु को भी सार्थक बना देती है।

3

'मानुषीता' कविता में कवि ने किन-किन महापुरुषों का उल्लेख किया है और क्यों?

Hint

कविता में दिए गए महापुरुषों के उदाहरणों और उनके त्याग पर ध्यान दें।

Solution

'मानुषीता' कविता में कवि मैथिलीशरण गुप्त ने दधीचि, कर्ण, राजा शिवि, और बुद्ध जैसे महापुरुषों का उल्लेख किया है। इन महापुरुषों का उल्लेख करके कवि यह दर्शाना चाहता है कि सच्ची मनुष्यता वही है जो दूसरों के हित के लिए अपना सब कुछ त्याग दे। दधीचि ने देवताओं के हित के लिए अपनी हड्डियाँ दान कर दीं, कर्ण ने दानवीरता के लिए अपना कवच और कुंडल दान कर दिया, राजा शिवि ने एक कबूतर की रक्षा के लिए अपने शरीर का मांस दान कर दिया, और बुद्ध ने संसार के कल्याण के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। ये उदाहरण मनुष्यता के उच्चतम आदर्शों को प्रस्तुत करते हैं।

4

कवि ने 'स्वार्थ' और 'परमार्थ' में क्या अंतर बताया है?

Hint

कविता के उन पंक्तियों पर ध्यान दें जहाँ कवि ने स्वार्थ और परमार्थ का वर्णन किया है।

Solution

कवि मैथिलीशरण गुप्त ने 'स्वार्थ' और 'परमार्थ' में स्पष्ट अंतर बताया है। स्वार्थ वह भावना है जिसमें मनुष्य केवल अपने हित के बारे में सोचता है, जबकि परमार्थ वह भावना है जिसमें मनुष्य दूसरों के हित के लिए कार्य करता है। कवि के अनुसार, सच्ची मनुष्यता परमार्थ में निहित है। स्वार्थी व्यक्ति पशु के समान होता है, जबकि परमार्थी व्यक्ति ही सच्चा मनुष्य होता है। कवि ने इसके लिए ऐतिहासिक और पौराणिक उदाहरण दिए हैं, जिन्होंने परमार्थ की भावना से प्रेरित होकर अपना सब कुछ त्याग दिया।

5

'मानुषीता' कविता का मुख्य संदेश क्या है?

Hint

कविता के अंतिम पंक्तियों पर विशेष ध्यान दें जहाँ कवि ने संदेश दिया है।

Solution

'मानुषीता' कविता का मुख्य संदेश यह है कि सच्चा मनुष्य वही है जो दूसरों के हित के लिए जीता और मरता है। कवि मैथिलीशरण गुप्त ने इस कविता के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया है कि मनुष्यता का सही अर्थ है दूसरों के लिए त्याग और बलिदान की भावना। कवि ने ऐतिहासिक और पौराणिक पात्रों के उदाहरण देकर यह स्पष्ट किया है कि जिन्होंने दूसरों के हित के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया, वे ही सच्चे मनुष्य हैं और उनकी यादें सदैव अमर रहेंगी। यह कविता हमें स्वार्थ से ऊपर उठकर परमार्थ की भावना अपनाने की प्रेरणा देती है।

6

कवि ने 'मृत्यु' और 'सुमृत्यु' में क्या अंतर बताया है?

Hint

कविता के उन पंक्तियों पर ध्यान दें जहाँ कवि ने मृत्यु और सुमृत्यु का वर्णन किया है।

Solution

कवि मैथिलीशरण गुप्त ने 'मृत्यु' और 'सुमृत्यु' में स्पष्ट अंतर बताया है। साधारण मृत्यु वह है जिसमें व्यक्ति केवल अपने लिए जीता और मरता है, जबकि सुमृत्यु वह है जिसमें व्यक्ति दूसरों के हित के लिए अपना जीवन त्याग देता है। कवि के अनुसार, सुमृत्यु ही सच्ची मृत्यु है क्योंकि ऐसे व्यक्ति की यादें सदैव अमर रहती हैं। कवि ने इसके लिए ऐतिहासिक और पौराणिक उदाहरण दिए हैं, जिन्होंने समाज के हित के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया और इस प्रकार सुमृत्यु को प्राप्त हुए।

7

कवि ने 'दान' को मनुष्यता का महत्वपूर्ण गुण क्यों माना है?

Hint

कविता में दिए गए दानवीर पात्रों के उदाहरणों पर ध्यान दें।

Solution

कवि मैथिलीशरण गुप्त ने 'दान' को मनुष्यता का महत्वपूर्ण गुण इसलिए माना है क्योंकि दान की भावना से ही मनुष्य दूसरों के हित के लिए कार्य करता है। दान के माध्यम से मनुष्य स्वार्थ से ऊपर उठकर परमार्थ की भावना को अपनाता है। कवि ने इसके लिए कर्ण और दधीचि जैसे पौराणिक पात्रों का उदाहरण दिया है, जिन्होंने दानवीरता के लिए अपना सब कुछ दान कर दिया। यह दर्शाता है कि दान की भावना ही मनुष्य को महान बनाती है और उसकी मनुष्यता को सार्थक करती है।

8

'मानुषीता' कविता में कवि ने 'एकता' का क्या महत्व बताया है?

Hint

कविता के उन पंक्तियों पर ध्यान दें जहाँ कवि ने एकता का वर्णन किया है।

Solution

'मानुषीता' कविता में कवि मैथिलीशरण गुप्त ने 'एकता' का महत्व इस प्रकार बताया है कि एकता ही वह शक्ति है जो मनुष्य को सभी कठिनाइयों से पार पाने में सहायक होती है। कवि के अनुसार, जब सभी मनुष्य एकजुट होकर दूसरों के हित के लिए कार्य करते हैं, तो वे सच्ची मनुष्यता का परिचय देते हैं। एकता के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है और वह पशु के समान होता है। कवि ने इसके लिए ऐतिहासिक और पौराणिक उदाहरण दिए हैं, जिन्होंने एकता की भावना से प्रेरित होकर समाज के हित के लिए कार्य किया।

9

कवि ने 'अहंकार' को मनुष्यता के लिए हानिकारक क्यों बताया है?

Hint

कविता के उन पंक्तियों पर ध्यान दें जहाँ कवि ने अहंकार का वर्णन किया है।

Solution

कवि मैथिलीशरण गुप्त ने 'अहंकार' को मनुष्यता के लिए हानिकारक इसलिए बताया है क्योंकि अहंकार मनुष्य को स्वार्थी बना देता है और उसे दूसरों के हित के बारे में सोचने से रोकता है। अहंकारी व्यक्ति केवल अपने बारे में सोचता है और दूसरों के प्रति उदासीन रहता है, जो मनुष्यता के विपरीत है। कवि के अनुसार, अहंकार मनुष्य को पशु के समान बना देता है और उसकी मनुष्यता को नष्ट कर देता है। इसलिए, कवि ने अहंकार को त्यागकर परमार्थ की भावना अपनाने का संदेश दिया है।

10

'मानुषीता' कविता में कवि ने 'प्रेम' और 'सहानुभूति' का क्या महत्व बताया है?

Hint

कविता के उन पंक्तियों पर ध्यान दें जहाँ कवि ने प्रेम और सहानुभूति का वर्णन किया है।

Solution

'मानुषीता' कविता में कवि मैथिलीशरण गुप्त ने 'प्रेम' और 'सहानुभूति' का महत्व इस प्रकार बताया है कि ये दोनों गुण मनुष्य को सच्चा मनुष्य बनाते हैं। प्रेम और सहानुभूति की भावना से ही मनुष्य दूसरों के दुख-सुख को समझ पाता है और उनके हित के लिए कार्य करता है। कवि के अनुसार, प्रेम और सहानुभूति के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है और वह पशु के समान होता है। कवि ने इसके लिए ऐतिहासिक और पौराणिक उदाहरण दिए हैं, जिन्होंने प्रेम और सहानुभूति की भावना से प्रेरित होकर समाज के हित के लिए कार्य किया।

📘 The Ultimate NCERT Companion

From practice to planning, reminders to revisions—Edzy has it all.

Edzy mobile app

मैथिलीशरण गुप्त – मानुषीता - Mastery Worksheet

Advance your understanding through integrative and tricky questions.

This worksheet challenges you with deeper, multi-concept long-answer questions from मैथिलीशरण गुप्त – मानुषीता to prepare for higher-weightage questions in Class X.

Mastery Worksheet

Mastery Worksheet

Intermediate analysis exercises

Deepen your understanding with analytical questions about themes and characters.

Questions

1

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में मनुष्यता की क्या परिभाषा दी गई है? उदाहरण सहित समझाइए।

Hint

कविता में दिए गए उदाहरणों और मनुष्यता की परिभाषा पर ध्यान दें।

Solution

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में मनुष्यता को परोपकार और दूसरों के हित में जीने की भावना के रूप में परिभाषित किया गया है। कवि के अनुसार, वही मनुष्य है जो दूसरों के लिए जीता और मरता है। उदाहरण के लिए, कवि ने दधीचि और कर्ण जैसे पौराणिक पात्रों का उल्लेख किया है, जिन्होंने दूसरों के हित में अपना सब कुछ दान कर दिया।

2

मैथिलीशरण गुप्त के अनुसार, एक सच्चे मनुष्य में कौन-कौन से गुण होने चाहिए? विस्तार से समझाइए।

Hint

कविता में वर्णित गुणों और उदाहरणों पर ध्यान दें।

Solution

मैथिलीशरण गुप्त के अनुसार, एक सच्चे मनुष्य में परोपकार, दया, सहानुभूति, और दूसरों के हित में जीने की भावना जैसे गुण होने चाहिए। कवि ने इन गुणों को अपनी कविता 'मानुषीता' में विस्तार से वर्णित किया है। उदाहरण के लिए, कवि ने दधीचि और कर्ण के उदाहरण दिए हैं, जिन्होंने दूसरों के हित में अपना सब कुछ दान कर दिया।

3

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में दिए गए पौराणिक उदाहरणों का महत्व समझाइए।

Hint

पौराणिक उदाहरणों और उनके महत्व पर ध्यान दें।

Solution

मैथिलीशरण गुप्त ने अपनी कविता 'मानुषीता' में दधीचि और कर्ण जैसे पौराणिक पात्रों का उल्लेख किया है, जिन्होंने दूसरों के हित में अपना सब कुछ दान कर दिया। इन उदाहरणों के माध्यम से कवि यह समझाना चाहते हैं कि एक सच्चे मनुष्य में परोपकार और दूसरों के हित में जीने की भावना होनी चाहिए।

4

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में वर्णित मनुष्यता और पशुता में क्या अंतर है? विस्तार से समझाइए।

Hint

मनुष्यता और पशुता की परिभाषा और उदाहरणों पर ध्यान दें।

Solution

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में मनुष्यता को परोपकार और दूसरों के हित में जीने की भावना के रूप में वर्णित किया गया है, जबकि पशुता को स्वार्थ और अपने हित में जीने की भावना के रूप में दर्शाया गया है। कवि के अनुसार, वही मनुष्य है जो दूसरों के लिए जीता और मरता है, जबकि पशु केवल अपने हित में जीता है।

5

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में दिए गए संदेश का आधुनिक समय में क्या महत्व है? विस्तार से समझाइए।

Hint

कविता के संदेश और आधुनिक समय की प्रासंगिकता पर ध्यान दें।

Solution

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में दिया गया संदेश आधुनिक समय में भी उतना ही प्रासंगिक है। कवि ने मनुष्यता को परोपकार और दूसरों के हित में जीने की भावना के रूप में परिभाषित किया है, जो आज के समय में भी महत्वपूर्ण है। आज के समय में भी हमें दूसरों के हित में जीने और परोपकार की भावना को अपनाने की आवश्यकता है।

6

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में वर्णित मनुष्यता के गुणों को अपने जीवन में कैसे अपनाया जा सकता है? विस्तार से समझाइए।

Hint

मनुष्यता के गुणों और उन्हें अपनाने के तरीकों पर ध्यान दें।

Solution

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में वर्णित मनुष्यता के गुणों को अपने जीवन में अपनाने के लिए हमें परोपकार, दया, सहानुभूति, और दूसरों के हित में जीने की भावना को अपनाना चाहिए। हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए और उनके हित में कार्य करना चाहिए। उदाहरण के लिए, हम दान कर सकते हैं, गरीबों की मदद कर सकते हैं, और समाज के हित में कार्य कर सकते हैं।

7

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में वर्णित मनुष्यता के गुणों और आधुनिक समाज में देखे जाने वाले गुणों में क्या समानता और अंतर है? विस्तार से समझाइए।

Hint

मनुष्यता के गुणों और आधुनिक समाज की तुलना पर ध्यान दें।

Solution

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में वर्णित मनुष्यता के गुणों और आधुनिक समाज में देखे जाने वाले गुणों में कुछ समानताएं और अंतर हैं। समानताएं यह हैं कि दोनों में परोपकार, दया, और सहानुभूति जैसे गुण महत्वपूर्ण हैं। अंतर यह है कि आधुनिक समाज में स्वार्थ और अपने हित में जीने की भावना अधिक देखी जाती है, जबकि कवि ने मनुष्यता को दूसरों के हित में जीने की भावना के रूप में परिभाषित किया है।

8

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में वर्णित मनुष्यता के गुणों को अपने जीवन में अपनाने से क्या लाभ हो सकते हैं? विस्तार से समझाइए।

Hint

मनुष्यता के गुणों को अपनाने के लाभों पर ध्यान दें।

Solution

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में वर्णित मनुष्यता के गुणों को अपने जीवन में अपनाने से कई लाभ हो सकते हैं। इन गुणों को अपनाने से हम समाज में सम्मान और प्रेम प्राप्त कर सकते हैं, हमारे संबंध मजबूत हो सकते हैं, और हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, परोपकार और दया जैसे गुणों को अपनाने से हम दूसरों की मदद कर सकते हैं और उनके जीवन में सुधार ला सकते हैं।

9

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में वर्णित मनुष्यता के गुणों को अपने जीवन में अपनाने में क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं? विस्तार से समझाइए।

Hint

मनुष्यता के गुणों को अपनाने में आने वाली चुनौतियों पर ध्यान दें।

Solution

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में वर्णित मनुष्यता के गुणों को अपने जीवन में अपनाने में कई चुनौतियाँ हो सकती हैं। इनमें स्वार्थ, लालच, और समाज के दबाव जैसी चुनौतियाँ शामिल हैं। उदाहरण के लिए, आज के समय में लोग अक्सर अपने हित में जीते हैं और दूसरों की मदद करने में संकोच करते हैं। इन चुनौतियों को पार करने के लिए हमें दृढ़ इच्छाशक्ति और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

10

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में वर्णित मनुष्यता के गुणों को अपने जीवन में अपनाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं? विस्तार से समझाइए।

Hint

मनुष्यता के गुणों को अपनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर ध्यान दें।

Solution

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में वर्णित मनुष्यता के गुणों को अपने जीवन में अपनाने के लिए हमें कई कदम उठाने चाहिए। इनमें स्वयं को शिक्षित करना, दूसरों की मदद करना, और समाज के हित में कार्य करना शामिल है। उदाहरण के लिए, हम दान कर सकते हैं, गरीबों की मदद कर सकते हैं, और समाज के हित में कार्य कर सकते हैं। इन कदमों को उठाने से हम मनुष्यता के गुणों को अपना सकते हैं और एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।

मैथिलीशरण गुप्त – मानुषीता - Challenge Worksheet

Push your limits with complex, exam-level long-form questions.

The final worksheet presents challenging long-answer questions that test your depth of understanding and exam-readiness for मैथिलीशरण गुप्त – मानुषीता in Class X.

Challenge Worksheet

Challenge Worksheet

Advanced critical thinking

Test your mastery with complex questions that require critical analysis and reflection.

Questions

1

मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'मानुषीता' में निहित मानवता के दर्शन को आधुनिक समय में कैसे लागू किया जा सकता है?

Hint

सोचिए कि कैसे स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज के लिए कुछ करना मानुषीता का उदाहरण हो सकता है।

Solution

मानुषीता कविता में गुप्त जी ने मानवता के उच्च आदर्शों को प्रस्तुत किया है। आधुनिक समय में इन आदर्शों को लागू करने के लिए हमें स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरों के हित के बारे में सोचना चाहिए। उदाहरण के लिए, सामाजिक सेवा और परोपकार के कार्यों में भाग लेना।

2

'मानुषीता' कविता में वर्णित 'स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरों के लिए जीना' के विचार की आज के समय में प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए।

Hint

विचार कीजिए कि कैसे आज के समय में दूसरों की मदद करना मानवता का उदाहरण है।

Solution

आज के समय में जहाँ स्वार्थ प्रधान हो गया है, वहाँ 'मानुषीता' का यह विचार और भी प्रासंगिक हो जाता है। यह हमें याद दिलाता है कि सच्ची मानवता दूसरों के लिए जीने में है। उदाहरण के लिए, कोरोना काल में लोगों की मदद करना।

3

मैथिलीशरण गुप्त के अनुसार 'मानुषीता' का क्या अर्थ है और यह आज के समाज में कैसे प्रदर्शित हो सकती है?

Hint

सोचिए कि कैसे छोटे-छोटे कार्यों से भी मानुषीता को प्रदर्शित किया जा सकता है।

Solution

गुप्त जी के अनुसार 'मानुषीता' का अर्थ है दूसरों के लिए जीना और उनके हित के बारे में सोचना। आज के समाज में यह सामाजिक सेवा, दान, और परोपकार के माध्यम से प्रदर्शित हो सकती है।

4

'मानुषीता' कविता में गुप्त जी ने किन ऐतिहासिक पात्रों का उदाहरण दिया है और क्यों?

Hint

विचार कीजिए कि कैसे ये पात्र मानवता के उच्च आदर्शों को प्रदर्शित करते हैं।

Solution

गुप्त जी ने राजा दधीचि और कर्ण जैसे पात्रों का उदाहरण दिया है क्योंकि ये पात्र दूसरों के लिए अपना सब कुछ त्याग देते हैं। यह मानुषीता का उच्चतम उदाहरण है।

5

कवि ने 'मानुषीता' कविता में 'स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरों के लिए जीना' को महत्व क्यों दिया है?

Hint

सोचिए कि कैसे दूसरों के लिए जीना समाज को मजबूत बनाता है।

Solution

कवि ने इस विचार को महत्व दिया है क्योंकि यह मानवता का सच्चा स्वरूप है। स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरों के लिए जीना समाज को बेहतर बनाता है।

6

'मानुषीता' कविता के आधार पर बताइए कि एक आदर्श मानव में किन गुणों का होना आवश्यक है?

Hint

विचार कीजिए कि कैसे ये गुण एक व्यक्ति को समाज में सम्मान दिलाते हैं।

Solution

एक आदर्श मानव में परोपकार, दया, सहानुभूति, और निस्वार्थ भावना जैसे गुणों का होना आवश्यक है। ये गुण मानवता को उच्च स्तर पर ले जाते हैं।

7

मैथिलीशरण गुप्त की 'मानुषीता' कविता आज के युवाओं के लिए कैसे प्रेरणादायक हो सकती है?

Hint

सोचिए कि कैसे युवा इस कविता से प्रेरित होकर समाज के लिए कुछ अच्छा कर सकते हैं।

Solution

यह कविता युवाओं को स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरों के लिए जीने की प्रेरणा देती है। यह उन्हें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराती है।

8

'मानुषीता' कविता में कवि ने मानवता के किन पहलुओं पर प्रकाश डाला है?

Hint

विचार कीजिए कि कैसे ये पहलू मानवता को परिभाषित करते हैं।

Solution

कवि ने मानवता के पहलुओं जैसे निस्वार्थ भावना, दूसरों की मदद, और समाज के प्रति जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला है।

9

कवि के अनुसार 'मानुषीता' का सच्चा स्वरूप क्या है और यह कैसे प्राप्त किया जा सकता है?

Hint

सोचिए कि कैसे निस्वार्थ भावना से कार्य करना मानुषीता को प्रदर्शित करता है।

Solution

कवि के अनुसार 'मानुषीता' का सच्चा स्वरूप दूसरों के लिए जीना है। इसे निस्वार्थ भावना और परोपकार के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

10

'मानुषीता' कविता के आधार पर बताइए कि कैसे एक व्यक्ति समाज में परिवर्तन ला सकता है?

Hint

विचार कीजिए कि कैसे छोटे-छोटे प्रयासों से भी बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है।

Solution

एक व्यक्ति निस्वार्थ भावना से समाज के लिए कार्य करके परिवर्तन ला सकता है। उदाहरण के लिए, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान देना।

Chapters related to "मैथिलीशरण गुप्त – मानुषीता"

कबीर – साखी

कबीर – साखी

कबीर की साखियाँ जीवन के गहन सत्य और आध्यात्मिक ज्ञान को सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करती हैं।

मीरा – पद

मीरा – पद

मीरा के पदों में भक्ति, प्रेम और समर्पण की गहरी भावनाएं व्यक्त की गई हैं, जो कृष्ण के प्रति उनकी अटूट भक्ति को दर्शाती हैं।

सुमित्रानंदन पंत – परवत प्रदेश के पावस

सुमित्रानंदन पंत – परवत प्रदेश के पावस

This chapter explores the poetic beauty of Sumitranandan Pant's 'Parvat Pradesh Ke Pavas', capturing the essence of monsoon in the mountains through vivid imagery and emotions.

वीरेन डंगवाल – तोप

वीरेन डंगवाल – तोप

This chapter explores the poem 'तोप' by वीरेन डंगवाल, delving into themes of war, peace, and the human condition through vivid imagery and poignant language.

Worksheet Levels Explained

This drawer provides information about the different levels of worksheets available in the app.